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युवाओं को तकनीकी दक्षता के लिए विशेष कार्यशाला

युवाओं को तकनीकी दक्षता के लिए विशेष कार्यशाला

  • एआई, ब्लॉकचेन, साइबर सिक्योरिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने की पहल

कोटा। कोटा एवं बूंदी जिले के युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और रोजगार सृजन से जोड़ने के उद्देश्य से विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संभागीय आयुक्त राजेंद्र सिंह शेखावत ने की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के विज़न से प्रेरित पहल
यह पहल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के उस विज़न से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने कोटा-बूंदी क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी दक्षता से सशक्त बनाकर उन्हें विकसित भारत के संकल्प में आत्मनिर्भर बन अपना योगदान देने की बात कही थी।
कार्यशाला में संभागीय आयुक्त राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सूचना एवं संचार क्रांति के इस युग में यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रत्येक युवा विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में दक्षता प्राप्त करे, ताकि वह विकसित भारत के संकल्प में अपनी सार्थक भूमिका निभा सके। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पारंपरिक शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कौशल विकास एवं प्रबंधन से संबंधित विशेष कोर्स न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करते हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हाड़ौती क्षेत्र के युवाओं को ऐसे तकनीकी और व्यावहारिक कोर्सेज उपलब्ध कराए जाएं जो स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप हों, ताकि उनके कौशल का अधिकतम उपयोग क्षेत्रीय विकास में हो सके।
इस अवसर पर कोटा कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी, बूंदी कलेक्टर अक्षय गोदारा, केडीए आयुक्त ऋषभ मंडल, लोकसभा स्पीकर के ओएसडी राजेश गोयल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा विश्वविद्यालय, राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, राजकीय एवं महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज कोटा-बूंदी, और जिला परिषद कोटा व बूंदी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यशाला में यह जानकारी साझा की गई कि युवा इस कोर्स को अपनी डिग्री या डिप्लोमा के साथ-साथ पूरी तरह निःशुल्क रूप से प्राप्त कर सकते हैं। कोर्स पूर्ण होने के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा, जो उनके रोजगार के अवसरों को सशक्त करेगा। इसके अतिरिक्त, कोर्स के बाद संस्था द्वारा प्रतिभागियों के प्लेसमेंट हेतु विशेष मंच और अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इमेजिन संस्था ने तमिलनाडु में आईटी क्षेत्र में कई सराहनीय कार्य किये हैं और विगत तीन वर्षों में लगभग 38 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाया है।
युवाओं के लिए तकनीकी प्रशिक्षण
कार्यशाला में “प्दहंहम” कंपनी के संस्थापक एवं सीईओ विजय करुणाकरण ने बताया कि इस कोर्स एवं कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर उन्हें इतना सक्षम बनाना है कि वे न केवल स्वरोजगार प्रारंभ कर सकें बल्कि बड़ी कंपनियों में भी अपना स्थान बना सकें। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा प्रदान किए जाने वाले कोर्सेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (।प्), साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉकचेन, डेटा एनालिटिक्स, प्वज् और 5ळ, मेटावर्स, हार्डवेयर एवं एंबेडेड टेक्नोलॉजी जैसे विषयों को शामिल किया गया है। इन कोर्सेज को स्थानीय भौगोलिक और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है और प्रशिक्षण विशेषज्ञ फैकल्टी के माध्यम से पूरी तरह निरूशुल्क दिया जाएगा।
वास्तविक केस स्टडी और प्रायोगिक ज्ञान पर आधारित कोर्स
कार्यशाला में बताया गया कि इन कोर्सेज को इस प्रकार तैयार किया गया है कि उनमें वास्तविक कंपनियों की केस स्टडी को शामिल किया गया है, जिससे युवाओं में व्यावहारिक ज्ञान की वृद्धि हो सके। इसके अलावा, युवाओं को साक्षात्कार की तैयारी, संप्रेषण कौशल, नेटवर्किंग, आत्मविश्वास निर्माण, प्रोफेशनलिज्म और कार्यस्थल शिष्टाचार जैसे विषयों में भी प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
कृषि क्षेत्र में तकनीक और ड्रोन के उपयोग पर विशेष प्रशिक्षण
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि कृषि क्षेत्र में तकनीक के बढ़ते प्रयोग को ध्यान में रखते हुए विशेष कोर्स डिज़ाइन किए गए हैं, जिनमें ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, स्मार्ट फार्मिंग, और डेटा-ड्रिवन एग्रीकल्चर जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। इससे कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े छात्र और ग्रामीण क्षेत्र के युवा आधुनिक कृषि तकनीकों से लाभान्वित हो सकेंगे।
प्रेरणादायक वीडियो फिल्म और शैक्षणिक गतिविधियां
कार्यशाला के दौरान प्दहंहम संस्था द्वारा वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसमें कोर्स, उनकी उपयोगिता, प्रशिक्षण विधियां और तकनीकी कौशल के लाभों को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला में यह भी बताया गया कि इससे संबंधित शीघ्र ही एक विशेष डिजिटल पोर्टल तैयार किया जाएगा जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों का संपूर्ण डेटाबेस उपलब्ध होगा। एमएसएमई और बड़े उद्योग इस पोर्टल के माध्यम से अपनी रिक्तियों को साझा कर सकेंगे, जिससे प्रशिक्षित युवाओं को सीधे रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के वाइस प्रेसिडेंट हर्षा के द्वारा शैक्षणिक गतिविधि कराई गई, जिससे प्रतिभागियों की सक्रिय सहभागिता देखने को मिली।
आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक कदम
यह कार्यशाला कोटा-बूंदी क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी क्रांति का द्वार खोलने वाली पहल है, जो उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए न केवल तैयार करेगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी सहभागी बनाएगी।

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