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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिबद्धता : हर वर्ग का हो कल्याण, मूलभूत सुविधाओं से काई वंचित न रहे

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिबद्धता : हर वर्ग का हो कल्याण, मूलभूत सुविधाओं से काई वंचित न रहे

चूरू। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश के हर व्यक्ति- हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। शर्मा की प्रतिबद्धता है कि प्रदेश में कोई भी नागरिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू समुदाय के शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण के लिए दादूदयाल घूमन्तू सशक्तीकरण योजना लागू की है। प्रदेश की भजनलाल सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक नागरिक को पर्याप्त शिक्षा, आवास व प्रोत्साहन मिले। सरकार समाज के वंचित व पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए संकल्पित प्रयास कर रही है। प्रदेश में वर्तमान में 09 विमुक्त जातियां, 10 घूमन्तू जातियां एवं 13 अर्द्धघूमन्तू जातियां है। राज्य में निवासरत इन विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू समुदाय के सशक्तीकरण एवं उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा दादूदयाल घूमन्तू सशक्तीकरण योजना- 2025 के संचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

 यह रहेगी योजना अंतर्गत पात्रता

योजना अंतर्गत पात्रता हेतु आवेदक का राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना, आवेदक राज्य सरकार द्वारा जारी विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू जातियों की सूची में सम्मिलित होना, आवेदक के पास विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू पहचान प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।

 यह रहेंगे योजना के घटक

योजना अंतर्गत विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू आवासीय विद्यालय, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू छात्रावास, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू शोध एवं संरक्षण केंद्र जैसलमेर, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू साइकिल वितरण योजना, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू छात्रा स्कूटी वितरण योजना, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री घूमन्तू आवास योजना, विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू जातियों के बच्चों को नवजीवन योजनान्तर्गत प्रतिष्ठित विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था करना आदि प्रभावी घटक रहेंगे।

इन घटकों के क्रियान्वयन में विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू जाति/समुदायों के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय का निर्माण, उपकरण एवं आधारभूत संरचना विकसित करना तथा विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू समुदायों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों का निर्माण, उपकरण व आधारभूत संरचना विकसित किया जाएगा।

इसी के साथ विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू जाति/समुदायों के विद्यार्थियों के लिए साईकिल वितरण योजना, छात्रा स्कूटी वितरण योजना का संचालन किया जाएगा तथा समुदाय के बच्चों को शैक्षणिक विकास हेतु विभाग द्वारा पूर्व से ही डॉ अम्बेडकर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप फॉर डीएनटी स्टूडेंट्स, डॉ अम्बेडकर प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप फॉर डीएनटी स्टूडेंट्स का संचालन किया जा रहा है। पूर्व में संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं से पात्र विद्यार्थियों को जोड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।

इसी क्रम में विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू समुदाय की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही मुख्यमंत्री घूमन्तू आवास योजना लागू कर दी गयी है। योजना के उद्देश्य अंतर्गत राज्य के विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू समुदाय के जिन व्यक्तियों के पास पक्के मकान नहीं है, उनको मूलभूत सुविधाओं सहित पक्के निर्माण हेतु सहायता राशि उपलब्ध करवा कर स्थायी रूप से बसा कर उनक पुनर्वास किया जाएगा।

विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू जातियों के बच्चों को नवजीवन योजनान्तर्गत प्रतिष्ठित विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था करते हुए शिक्षा के अधिकार के अधिनियम के अन्तर्गत प्रवेशित 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रवेश देने के पश्चात प्रवेश से शेष/वंचित रहे नवजीवन योजना के अन्तर्गत पात्र परिवारों के विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाया जाकर इन छात्रों के अध्ययन हेतु शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अन्तर्गत अनुज्ञेय राशि के अनुसार राशि का पुनर्भरण नवजीवन योजनान्तर्गत किया जाएगा।

 विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू शोध एवं संरक्षण केंद्र, जैसलमेर

राज्य सरकार द्वारा डीटीएनटी समुदाय के कला एवं संस्कृति को संर्वद्धन एवं सरंक्षण हेतु जैसलमेर जिले में 5 करोड रुपए की लागत से डीएनटी रिसर्च एंड प्रिजर्वेशन सेंटर के भवन का निर्माण किया गया है। सेंटर में विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू जातियों से संबंधित वस्तुओं, आभूषणों, वस्त्रों, साहित्य, वाद्ययंत्रों आदि के संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र में विमुक्त, घूमन्तू एवं अर्द्धघूमन्तू समुदायों की कला, संस्कृति सम्बन्धित साहित्य अध्ययन केंद्र/पुस्तकालय की स्थापना की जायेगी, जिसका उद्देश्य इन समुदायों की कला, शिल्प, साहित्य एवं अन्य सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा, संरक्षण और प्रचार करना है।

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