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जीवन बचाने का जज्बा: कोटा में छात्रों ने पहली बार किया रक्तदान

जीवन बचाने का जज्बा: कोटा में छात्रों ने पहली बार किया रक्तदान

कोटा। मैत्री इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आज विश्व स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कोटा ब्लड बैंक सोसाइटी ने अहम भूमिका निभाई। इस खास मौके पर छात्रों और स्टाफ सदस्यों ने दिल खोलकर रक्तदान किया, और चौंकाने वाली बात यह रही कि 90% रक्तदाता पहली बार रक्त दान करने वाले थे। कार्यक्रम का आगाज़ डॉ. मनु माथुर के प्रेरक उद्बोधन से हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व, इसके अद्भुत लाभ और रक्तदान के लिए ज़रूरी योग्यताओं के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. माथुर की जानकारी ने छात्रों के मन में रक्तदान के प्रति एक नई सोच और गहरी जागरूकता पैदा की।

  • 41 यूनिट रक्त एकत्रित, 90% नए रक्तदाता!

इसके बाद, बहुप्रतीक्षित रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। इस शिविर में कुल 40 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जो कई ज़रूरतमंद मरीजों के लिए जीवनरेखा साबित होगा। सबसे खास बात यह रही कि रक्तदान करने वालों में से 90 प्रतिशत लोगों ने पहली बार रक्तदान किया, जो अपने आप में एक अविश्वसनीय और सराहनीय उपलब्धि है। यह दर्शाता है कि युवाओं में परोपकार और समाज सेवा की भावना कितनी प्रबल है। कोटा ब्लड बैंक सोसाइटी के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक शर्मा एवं सचिव राजकुमार जैन ने इस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों, डॉक्टर्स और मैत्री संस्थान के प्रबंधन का हृदय से आभार व्यक्त किया। यह आयोजन न केवल रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि इसने अनेकों जीवन बचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह पहल वाकई काबिले तारीफ है। सचिव राजकुमार जैन ने यह भी बताया के इस अवसर पर 27 यूनिट बल्ड बैंक परिसर में भी स्वैच्छिक रक्त दान हुआ ।

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