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वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने गांवों में पहुंचकर दी उन्नत कृषि तकनीकों एवं योजनाओं की जानकारी

वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने गांवों में पहुंचकर दी उन्नत कृषि तकनीकों एवं योजनाओं की जानकारी

झालावाड़। कृषि विज्ञान केंद्र झालावाड़ द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत जिले के बाघेर, बन्या, राजपुरा, नाहरगट्टा, मिश्रौली, भैसानी, रीछवा, दुधालिया एवं पाटलिया कुल्मी गांवों में विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में केन्द्र की तीन टीमों ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, प्राकृतिक खेती, एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. टी.सी. वर्मा ने बताया कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती के साथ जोड़ना तथा सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना है। डॉ. हेमराज मीणा, प्रधान वैज्ञानिक, मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान, डड़वाड़ा (कोटा) ने संरक्षित खेती जैसे पॉलीहाउस, नेट हाउस, लो टनल जैसी तकनीकों की जानकारी दी और युवाओं को कृषि क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया।

कृषि विज्ञान केंद्र झालावाड़ की टीम-1 से डॉ. मोहम्मद युनुस (प्रसार शिक्षा) व सुनीता कुमारी, टीम-2 से डॉ. सेवाराम रूंडला (मृदा विज्ञान), डॉ. तुलिका आचार्य (गृह विज्ञान) ने खरीफ फसलों विशेषकर सोयाबीन की बुवाई हेतु बीबीएफ (चौड़ी क्यारी कूड पद्धति) विधि का प्रदर्शन किया एवं अधिक वर्षा से होने वाले नुकसान से बचाव के उपाय बताए। साथ ही प्राकृतिक खेती, जिप्सम उपयोग, फव्वारा एवं ड्रिप पद्धति की जानकारी दी गई। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दिनेश कुमार चौधरी ने समन्वित कृषि प्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी एवं नवाचारी किसान संवाद कार्यक्रम के माध्यम से किसानों की समस्याओं को समझा। हरिशंकर कोली, कृषि अधिकारी (उद्यान) ने केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं जैसे मिनी स्प्रिंकलर, फव्वारा सिंचाई पद्धति, उद्यानिकी अनुदान योजनाओं की जानकारी दी।


कृषि अनुसंधान अधिकारी त्रिलोक चंद शर्मा ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व बताते हुए उर्वरकों के संतुलित प्रयोग की सलाह दी, जिससे लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि संभव हो सके। मलखान मीणा, सहायक कृषि अधिकारी, बाघेर ने तारबंदी, खेत तलाई, कृषि यंत्र अनुदान एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी किसानों को दी। पीएनबी-एफटीसी, झालरापाटन के निदेशक चंद्रशेखर सुमन ने कृषि आदान विक्रेताओं हेतु खाद-बीज-कीटनाशकों के लाइसेंस संबंधित कृषि विस्तार सेवाओं में डिप्लोमा की जानकारी दी। इस व्यापक जागरूकता अभियान में जिलेभर से 1800 से अधिक कृषकों एवं महिला कृषकों ने भाग लिया और लाभान्वित हुए।

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