
12% स्लैब खत्म होने के आसार, कई जरूरी सामान होंगे सस्ते
नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत में आयकर में कई रियायतें देने के बाद, केंद्र अब मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों को वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के रूप में बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब को पूरी तरह से खत्म करने और वर्तमान में 12 प्रतिशत कर वाली कई वस्तुओं को निचले 5 प्रतिशत स्लैब में शामिल करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव के तहत मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की ओर से व्यापक तौर पर उपयोग की जाने वाली वस्तुएं शामिल होंगी। इनमें टूथपेस्ट और टूथ पाउडर, छाते, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर और रसोई के बर्तन, इलेक्ट्रिक इस्त्री, गीजर, छोटी क्षमता वाली वाशिंग मशीन, साइकिल, 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाले रेडीमेड वस्त्र, 500 से 1,000 रुपये के बीच कीमत वाले जूते, स्टेशनरी आइटम, टीके, सिरेमिक टाइलें और कृषि उपकरण शामिल होंगे।
एक जुलाई, 2017 से लागू जीएसटी के तहत 17 करों और 13 उपकरों को एकीकृत किया गया है। कर प्रणालियों को डिजिटल बनाकर एक निर्बाध राष्ट्रीय बाजार का निर्माण हुआ है। जीएसटी के परिचालन के पहले वर्ष (नौ महीने) में सकल जीएसटी संग्रह 7.40 लाख करोड़ रुपये था। पिछले कुछ वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि देखी गई है। 2024-25 में सकल जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो साल-दर-साल 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वार्षिक जीएसटी राजस्व लगभग तीन गुना बढ़ गया है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 7 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 22 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।