महारानी महाविद्यालय में आयोजित हुआ अहिल्या बाई होल्कर त्रिशताब्दी वर्ष कार्यकम
जयपुर। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने गुरुवार को महारानी कॉलेज में मरूधर नारी सशक्तिकरण संगठन, और भारतीय शिक्षण मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह‘ में शिरकत की।दिया कुमारी ने लोक माता अहिल्या बाई होलकर को नमन करते हुए कहा कि इतिहास के पन्नों पर अहिल्याबाई होलकर जी का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है क्योंकि उन्होंने लोकहित, राष्ट्रहित व समाज हित के लिए अपना जीवन समर्पित किया। विद्धान, साहसी और प्रशासनिक कौशल की पहचान रानी अहिल्या बाई होलकर जी द्वारा नारी शक्ति, सशक्तिकरण व प्रशासनिक क्षेत्र में किये गये कार्य हमेशा प्रेरणादायी रहेंगे।
इतिहास के पन्नों पर रानी अहिल्याबाई का नाम हमेशा सम्मान से लिया जाता रहेगा। अपने शासन काल में उन्होनें राज्य हित, जनहित को सर्वोपरि माना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलवाया, उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया, समाज में फैली कुरूतियों को समाप्त किया। धर्म के प्रति जागरूकता लाते हुए धार्मिक व तीर्थ स्थलों को विकसित करवाया, उनके द्वारा किये गये सार्वजनिक हित के कार्य हमेशा समाज का मार्गदर्शन करते रहेंगे।उन्होंने कहा कि भारतीय स्त्री शक्ति की शाखा मरूधर नारी सशक्तिकरण संगठन जो कि सनातन संस्कृति, राष्ट्रहित में महिलाओं के उत्थान हेतु सक्रिय है और आपके द्वारा कच्ची बस्तियों के बच्चों के लिए शिक्षा एवं संस्कार केन्द्र, महिला सिलाई केन्द्र, बालिकाओं की आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर, महिलाओं के लिए चिकित्सा शिविर जैसे सेवा कार्य किये जा रहे हैं, उनका यह प्रयास सराहनीय हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास ऐसी कई सफलता की कहानियां है जो यह साबित करती है दया, त्याग, क्षमा, बलिदान, की परिचायक बालिकाओं और महिलाओं ने जब-जब भी किसी कार्य को दृढ इच्छाशक्ति से किया उस क्षेत्र में समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। फिर चाहे वह कला, संस्कृति, खेल, उद्योग, कृषि, सुरक्षा, विज्ञान राजनीति ही क्यों न हों।उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में महिलाएं सम्मानीय रही है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने महिलाओं के चहुमूंखी विकास पर बल देते हुए हर योजना, अभियान को महिलाओं के विकास से जोड़ा। वहीं मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी के नेतृत्व में महिला हित का ध्यान रखा जा रहा है।उन्होंने कहा कि आप अपनी प्रतिभा को पहचाने, उसे निखारे, आपके अन्दर समाज की विचारधारा को बदलने की शक्ति है, सार्मथ्य है, उत्साह है, जोश है। सशक्त नारी ही सशक्त भारत की परिकल्पना को साकार बना सकती हैं।उन्होंने सभागार में उपस्थित छात्राओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं, अधिकारों व कानूनों से अवगत रहने के लिए प्रेरित किया ताकि वे सशक्त होकर एक सुदृढ़ सनातन संस्कृति को पोषित कर सकें।