चाचा को मात देने के लिए अजित पवार ने पहले ही कर ली थी पूरी तैयारी
महाराष्ट्र में एनसीपी के भीतर मचे राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग की यह प्रतिक्रिया सूत्रों के हवाले से है। इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग को अजित पवार गुट की चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी में अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का जिक्र था। वहीं, शरद पवार गुट से भी चुनाव आयोग को एक मेल गया है। इस मेल में शरद गुट ने 9 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस का जिक्र किया था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि कानूनी पहलुओं का ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। एनसीपी की दोनों गुटों की ओर से हलफनामा मांगा गया है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा चुनाव आयोग ने कहा कि 30 जून 2023 को एनसीपी के विधायी और संगठनात्मक विंग के सदस्यों के भारी बहुमत द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिससे अजीत अनंतराव पवार को एनसीपी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्षों में से एक थे और रहेंगे। सूत्रों ने यह भी कहा कि एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी निर्णय लिया और उक्त निर्णय को एनसीपी विधायकों के भारी बहुमत द्वारा पारित प्रस्ताव द्वारा अनुमोदित भी किया गया।
पैनल द्वारा कार्रवाई की जाएगी सूत्रों ने कहा कि मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार चुनाव पैनल द्वारा कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ईसीआई को 30 जून, 2023 को अजfत पवार से प्रतीक आदेश, 1968 के पैरा 15 के तहत एक याचिका मिली थी, जिसके बाद 30 जून को सांसदों/विधायकों/एमएलसी के 40 अजीब हलफनामे (5 जुलाई को आयोग में प्राप्त हुए) प्राप्त हुए थे। सूत्रों ने कहा कि चुनाव पैनल को सर्वसम्मति से अजित पवार को राकांपा अध्यक्ष चुनने का प्रस्ताव भी मिला। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख जयंत आर. पाटिल की ओर से 3 जुलाई को एक ईमेल प्राप्त हुआ है, जिसमें कैविएट दाखिल किया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में संकट बुधवार को उस समय बढ़ गया जब दोनों समूहों ने शक्ति प्रदर्शन के लिए एक साथ बैठकें कीं