
कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ
रतनगढ़ । स्थानीय सागरभक्त गोगामेड़ी पास में भागवत कथा शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा स्थानीय ताल वाले बालाजी मंदिर से गाजे बाजे के साथ शुरू होकर कथा स्थल तक पहुँची। मुख्य यजमान सोहन लाल भोभरिया ने सपत्निक कलश और भागवत कथा का पूजन कर भागवत पुराण को धारण किया। कथा वाचक कृष्णानंद महाराज ने कहा कि कलश में सभी देवताओं के साथ सभी तीर्थों व नदियों का जल समाहित होता है। जिसके पूजन से देवता प्रसन्न होते है। कृष्णानंद महाराज ने भागवत के माहात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्ति ज्ञान और वैराग्य का पावन संगम ही श्रीमद्भागवत कथा है। कलश यात्रा और कथा में गिरधारी लाल, पीरूमल भोभरिया, शंकर लाल कोका, रामचंद्र गौड़, रामोतार पुजारी, योगेश घोड़ेला, कान्हाराम नाई, विष्णुदत्त लुहानीवाल, भीमराज, दुलीचंद भोभरिया, रचना देवी, मंजु निरानिया, राधा देवी घोड़ेला, देवकी, पुष्पा, मिनु देवी आदि महिलाएँ व पुरुष उपस्थित थे।