
बीमारी को जड़ से पकड़ीये, हालात देखकर नहीं
जब वैद्य जी इलाज करते थे तो वे बीमारी की जड़ तक जाते थे और उस अनुरूप इलाज होता था। मेडिकल साइंस के सभी डॉक्टर्स को यही बताया जाता है कि आप बीमारी की जड़ तक जाएं और जड़ को समझने के लिए आप विभिन्न विभिन्न जांच कराते हैं पर अक्सर यह देखने में आता है कि डॉक्टर आप के हालात देखकर इलाज करते हैं। वह आपकी बीमारी कहां से हुई क्यों हुई इस बात पर ना जाकर हालात देख कर इलाज देते हैं हमें त्वरित आराम भी मिल जाता है परंतु बीमारी जड़ से नहीं जाती। जब से डॉक्टर के पास बहुत सारी भीड़ आने लगी तब डॉक्टर के पास इतना समय नहीं होता कि वह आपसे आपकी बीमारी के बारे में विस्तृत बातें कर सकें उन्हें एक दिन में 40-50 पेशेंट देखना हैं फिर उसके बाद हॉस्पिटल और शाम को फिर बहुत सारे पेशेंट। यह भी एक कारण है कि डॉक्टर रिपोर्ट देखकर इलाज लिख देते हैं। यदि मरीज कह देता है कि पेट में जलन हो रही है, बार-बार पेशाब आ रही है, सिर भारी रहता है, चक्कर आ रहे हैं भलेही यह सब कमजोरी या बीमारी के कारण हो पर डॉक्टर उसकी दवाई भी लिख देंगे। आयुर्वेद और होम्योपैथिक में बीमारी की जड़ का पता करके उसका इलाज किया जाता है। अभी लोगों को समझ में आ रहा इसलिए वे आयुर्वेदिक होम्योपैथिक इलाज कराने में ज्यादा विश्वास करने लगे हैं।