
दो खुराक दवा से बच्चे को खून की कमी से मिलेगी निजात
धौलपुर। चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पांच साल तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओ में खून की कमी को दूर करने के लिए एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है, ताकि लक्षित वर्ग की समय पर स्क्रिनिंग हो सके और उन्हे एनीमिया से बचाया जा सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयंती लाल मीणा ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत 6 माह से 59 माह के बच्चो को सप्ताह में दो बार आईएफए यानि आयरन फोलिक एसिड सिरप देने का प्रावधान किया गया है। एक खुराक में एक मिलीलीटर यानी 8-10 बूंद होती है यह सभी चिकित्सा संस्थानों पर निशुल्क उपलब्ध है। सभी आशा सहयोगिनी को सम्बंधित चिकित्सा संस्थान से सिरप की 50 मिलीलीटर की बोतले आवश्यक मात्रा में दी जाती है। प्रथम दो सप्ताह में आशा सहयोगिनी द्वारा स्वयं बच्चो को दवा पिलाकर तत्पश्चात बच्चे की माँ को दवा देना सिखाने का प्रयास करती है एवं ममता कार्ड भरना सिखाती है। दो सप्ताह के बाद का खुराक माँ द्वारा स्वयं पिलाने तथा ममता कार्ड में निशान लगाने के विषय में इस कार्यक्रम के दिशा निर्देश में विशेष बल दिया गया है। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गौरव मीणा ने बताया कि एनीमिया एक गंभीर समस्या है। इससे जहाँ शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होता है वही किशोरियों एवं माताओ में कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है। इसके लिए सभी को आयरन एवं विटामिन सी युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इस कार्यक्रम में 6 विभिन्न आयु वर्ग के लाभार्थियों को लक्षित किया गया है । 6 माह से 59 माह के बालक और बालिकाओ को आयरन सिरप, 5 से 9 वर्ष के लड़के और लड़कियों को प्रत्येक सप्ताह आयरन की गुलाबी गोली, 10 से 19 वर्ष के लड़के और लड़कियों को प्रत्येक सप्ताह आयरन की नीली गोली, 20 से 24 वर्ष की प्रजनन आयु वर्ग की महिलाये (जो न गर्भवती हो और न धात्री ) को आईएफए की एक लाल गोली प्रत्येक सप्ताह, गर्भवती महिलाओ को चौथे महीने से प्रतिदिन खाने के लिए आईएफए की 180 गोलियां तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओ को आईएफए की 180 गोलिया दी जा रही है।