प्रतिस्पर्धा आयोग ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, 19 अन्य के खिलाफ शिकायत खारिज की
नयी दिल्ली । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, इसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) समेत 19 अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत को खारिज कर दिया है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने संपत्ति के बदले अनुकूल ब्याज दरों पर ऋण देने के दौरान भ्रामक विज्ञापनों के जरिये अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग किया। प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोमवार को शिकायत खारिज करते हुए आदेश दिया, “आयोग का विचार है कि प्रथम दृष्टया अधिनियम की धारा तीन और धारा चार के प्रावधानों के तहत वर्तमान मामले में कोई प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंता उत्पन्न नहीं होती है। ...इसलिए मामले को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया जाता है।”
प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा चार दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग से संबंधित है, जबकि धारा तीन प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौते से संबंधित है। सीसीआई ने पाया कि बड़ी संख्या में बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त फर्मों की मौजूदगी के कारण बाजार प्रतिस्पर्धी लगता है। ...और इस प्रकार, इंडियाबुल्स हाउसिंग का प्रभुत्व प्रासंगिक बाजार में स्थापित नहीं हो पाया है। यह निर्णय कर्मयोगी होटल्स एंड बिल्डकॉन लिमिटेड के निदेशक अनिल बंसल द्वारा दायर शिकायत पर आया। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि एनबीएफसी ने अनुकूल ब्याज दरों पर संपत्ति के बदले ऋण की पेशकश करते समय भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया।