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कांग्रेस में विरोधाभासी बयान, शहजाद पूनावाला ने दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया

कांग्रेस में विरोधाभासी बयान, शहजाद पूनावाला ने दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी टुकड़े-टुकड़े में बंट गई है। नई दिल्ली में बातचीत में पूनावाला ने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान पर कांग्रेस पार्टी अपना मानसिक संतुलन खो चुकी है और मणिकम टैगोर ने संघ के बारे में जिस तरह की टिप्पणियां की हैं, वह उनके वैचारिक खोखलेपन को दिखाता है। मणिकम टैगोर को याद दिलाना चाहिए कि अफजल गुरु, याकूब, बुरहान वानी, बाटला हाउस एनकाउंटर या नक्सलियों जैसे मामलों में उन्हें शहीद और मासूम नजर आते हैं। लेकिन राष्ट्रवादी संगठनों में वे आतंकवादियों को देखते हैं। उन्होंने सवाल किया कि प्रणब मुखर्जी, क्या वह किसी राष्ट्रवादी संगठन के हेडक्वार्टर गए थे या किसी आतंकवादी संगठन के? जब नेहरू ने गणतंत्र दिवस पर संघ को बुलाया था, तो क्या उन्होंने किसी आतंकवादी संगठन को बुलाया था? महात्मा गांधी, जेपी ने उनकी तारीफ की थी। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस सांसद उनसे ज्यादा ज्ञानी हैं?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश में न सिर्फ हिंदुओं बल्कि ईसाई समुदाय और अनुसूचित जाति के लोगों पर भी हमले और हत्याएं हुई हैं। भारत सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है और इन घटनाओं की निंदा की है। हालांकि, दुख की बात यह है कि हमारे देश में एक ऐसा ग्रुप है, जो गाजा के लिए फंड इकट्ठा करता है, लेकिन ढाका के मामले में आंखें बंद कर लेता है, जिसमें दिग्विजय सिंह, राशिद अल्वी और सैम पित्रोदा जैसे लोग शामिल हैं। ये लोग भारत की तुलना बांग्लादेश से करते हैं, बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को सही ठहराते हैं, और दावा करते हैं कि ऐसी घटनाएं वहां इसलिए होती हैं क्योंकि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले होते हैं। यह वही ग्रुप है जो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का भी विरोध करता है। इनका असली चेहरा सामने आ गया है।
पूनावाला ने इंडी अलायंस का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार फिर, हम उन्हें पूरी तरह से कन्फ्यूजन देख रहे हैं, जहां कांग्रेस पार्टी ने डीएमके पर हमला किया है। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि डीएमके मॉडल पूरी तरह से फेल हो गया है। पहले, तमिलनाडु पर उत्तर प्रदेश से कम कर्ज था, लेकिन पिछले कुछ सालों में तमिलनाडु का कर्ज काफी बढ़ गया है। कांग्रेस यही कह रही है। तो वे योगी मॉडल का समर्थन कर रहे हैं और स्टालिन मॉडल को खारिज कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि अब यह डीएमके बनाम कांग्रेस है। कल, यह कांग्रेस बनाम वामपंथी पार्टियां थीं। हर दिन, कांग्रेस उत्तर से दक्षिण तक सहयोगियों से लड़ रही है। इंडी गठबंधन सिर्फ कागजों पर है, बंगाल में कोई गठबंधन नहीं, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, गोवा, केरल, कर्नाटक और अब तमिलनाडु में भी कोई गठबंधन नहीं। अलायंस पार्टनर राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं देखते हैं।

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