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कोटा का हर नागरिक बनें प्रकृति प्रहरी, बड़े बदलाव के लिए जिद और जुनून जरूरी-बिरला

कोटा का हर नागरिक बनें प्रकृति प्रहरी, बड़े बदलाव के लिए जिद और जुनून जरूरी-बिरला

  • सभी जनप्रतिनिधि बोले-पौधारोपण को जनआंदोलन बनाकर कोटा को हरा-भरा शहर बनाएंगे
  • कोटा में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वन महोत्सव का शुभारम्भ

कोटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर चलाए जा रहे एक पेड़ मां के नाम अभियान के अन्तर्गत रविवार को रावतभाटा रोड पर मुकुंदरा अभ्यारण्य क्षेत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा में ‘वन महोत्सव’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को पौधारोपण के लिए प्रेरित करते हुए प्रकृति के प्रहरी के रुप में सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का भावपूर्ण आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोटा एक जीवंत और जागरूक शहर है जिसने हर संकट और आपदा के समय एकजुट होकर अनुकरणीय सामर्थ्य दिखाया है। अब समय है कि हम सभी मिलकर कोटा को सबसे स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा शहर बनाने का जनआंदोलन खड़ा करें। यह कार्य केवल सरकार या कोई संस्था नहीं कर सकती। हमें जिद और जुनून से एक ऐसा आंदोलन खड़ा करना है, जिसमें हर वर्ग की सहभागिता हो और हर व्यक्ति एक-एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाएंगे तो हम बड़ा बदलाव ला सकेंगे।
एक्यूआई लेवल बढ़ना चिंताजनक- स्पीकर ओम बिरला ने कहा कोटा का वायु प्रदूषण सूचकांक (एक्यूआई) बढ़ रहा है, जो  चिंताजनक है। यदि हमें इस चुनौती से लड़ना है और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है, तो यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। हमारी संस्कृति में हम प्रकृति की पूजा करते हैं, राजस्थान वह भूमि है जिसने वृक्षों की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी है। आज बलिदान की आवश्यकता नहीं है, आवश्यकता है संकल्प की सिर्फ एक जिद कि हम पेड़ लगाएंगे, उन्हें संरक्षित करेंगे और कोटा को हराभरा बनाएंगे।
बच्चों को प्रेरित करें, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो- बिरला ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित करें, और हर विद्यार्थी जिस पेड़ को लगाए, उसकी देखभाल करे, उसे ट्रैक करे और परिजनों के साथ साझा करे। इससे पर्यावरण-संरक्षण की एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को ष्पर्यावरण अनुरूप जीवनशैलीष्  और एक पेड़ मां के नाम अभियान से एक संदेश दिया है। जिस प्रकार हमारी माताएं हमें संस्कार और सुरक्षा देती हैं, उसी प्रकार धरती मां भी हमारा पालन करती है। एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाकर प्रकृति को समर्पित करना सबसे बड़ा पुण्य है।
बजरंग लाल जी जैसे नागरिकों से लें प्रेरणा- बिरला ने कोटा निवासी पर्यावरण प्रेमी बजरंग लाल का उल्लेख करते हुए कहा कि एक दिन गोवर्धनपुरा से गुजरते समय मैंने देखा कि बजरंग लाल जी सड़क किनारे अकेले ही पेड़ लगा रहे थे और उनकी सुरक्षा के लिए गार्ड भी बना रहे थे। उनके दोनों बेटे प्रतिष्ठित कंपनियों में इंजीनियर हैं, लेकिन वे स्वयं अपने शहर को हरा-भरा बनाने में जुटे हैं। यह समर्पण हम सबके लिए प्रेरणा है। समारोह में पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वन विभाग के कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
धरती को बचाने का संकल्प लें - दिलावर
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पेड़ों की घटती संख्या के कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जो न केवल मानव बल्कि समस्त जीव-जंतुओं के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान एक समय पेड़ों की रक्षा के लिए बलिदान देने वाला राज्य रहा है, जिससे पूरी दुनिया ने प्रेरणा ली। लेकिन आज उसी भावना को हमने भुला दिया है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाने के लिए हर व्यक्ति को अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे और उनकी बच्चों की तरह नियमित देखभाल करनी होगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने लगभग तीन करोड़ पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। इस वर्ष भी शिक्षा व पंचायत राज विभाग द्वारा शनिवार और रविवार को विशेष अभियान के रूप में स्कूली छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के माध्यम से व्यापक पौधारोपण और संरक्षण का संकल्प लिया गया है।
पौधारोपण को बनाएं जीवन की आदत - नागर
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि पौधारोपण को केवल आयोजन तक सीमित न रखें, बल्कि इसे जीवन के स्वभाव का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि जीवन में जब भी कोई खुशी या खास दिन आए, तो उसे पौधा लगाकर मनाएं। इस सोच से धरती हरी-भरी बनेगी और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग थर्मल संयंत्रों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है ताकि पर्यावरण संतुलन बेहतर हो सके। यदि हमें आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध पर्यावरण देना है, तो पौधारोपण को जीवन का उद्देश्य बनाना ही होगा।
पर्यावरण रक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी
विधायक कोटा उत्तर संदीप शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बारिश से पहले ही पौधारोपण की तैयारियां कर लेनी चाहिए ताकि समय पर सही स्थानों पर पौधे लगाए जा सकें। उन्होंने कहा कि पार्कों, खाली मैदानों और उन क्षेत्रों में जहां हरियाली की जरूरत है, वहां पौधे लगाकर उनकी जिम्मेदारी स्वयं उठाना जरूरी है। पर्यावरण की रक्षा केवल सरकार का काम नहीं, हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
सुंदर भविष्य के लिए पौधारोपण जरूरी- लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कहा कि जैसे एक मां अपने बच्चे की देखभाल करती है, वैसे ही हमें भी हर पौधे की उसी भावना से देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम धरती मां को सुरक्षित रखेंगे, तो यह हमारी आने वाली पीढ़ी को एक सुंदर भविष्य देगी। उन्होंने आमजन से पौधारोपण करने के साथ ही उसकी देखभाल का संकल्प लेने की अपील की।
पौधारोपण में उमड़ा जनसैलाब, दिखा प्रकृति से जुड़ाव- वन महोत्सव के अवसर पर पौधारोपण को लेकर जनसामान्य, सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह देखा गया। कार्यक्रम स्थल पर 10,000 और जिलेभर में 25,000 पौधे लगाए गए। हर पौधे के साथ लोगों की अपनत्व की भावना स्पष्ट रूप से दिख रही थी।
कार्यक्रम में महापौर राजीव अग्रवाल, रामगोपाल बैरवा, पंकज मेहता सहित स्कूली छात्र-छात्राएं, युवा, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिकारी और नागरिक शामिल हुए। वृक्षारोपण के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता का संदेश भी दिया गया। इस अवसर पर डीएफओ कोटा श्री अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव, डीएफओ मुकुंदरा श्री मुथु एस एवं डीएफओ वन्य जीव श्री अनुराग भटनागर सहित वन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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