Dark Mode
अमेरिका में F-16 क्रैश, पायलट सेकेंडों में सुरक्षित बाहर आया

अमेरिका में F-16 क्रैश, पायलट सेकेंडों में सुरक्षित बाहर आया

वॉशिंगटन। अमेरिका में गुरुवार को US एयरफोर्स का एक F-16 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। हादसे से कुछ सेकेंड पहले पायलट सुरक्षित बाहर निकल गया, जिससे उसकी जान बच गई। हादसा भारतीय टाइम के मुताबिक रात करीब 12:30 बजे दक्षिणी कैलिफोर्निया में ट्रॉना शहर के एक रेगिस्तान में हुआ। विमान ट्रॉना एयरपोर्ट से करीब तीन किलोमीटर दूर गिरा। एयरपोर्ट मैनेजर ने बताया कि इस इलाके में अक्सर मिलिट्री विमान उड़ते रहते हैं। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में देखा गया कि विमान तेजी से नीचे गिर रहा था और पायलट पैराशूट के सहारे बाहर निकल आया। जमीन से टकराते ही विमान में बड़ा धमाका हुआ और काला धुआं आसमान में भर गया। इस साल यह आठवीं बार है जब F-16 क्रैश हुआ है। सबसे ज्यादा 3 बार यूक्रेन, 2 बार अमेरिका के अलावा यह फाइटर जेट पोलैंड, जापान और साउथ कोरिया में क्रैश कर चुका है।


F-16 की कीमत 1.70 हजार करोड़ रुपए
एयरफोर्स के 2021 के डेटा के मुताबिक एक F-16 फाइटिंग फाल्कन की कीमत लगभग 18.8 मिलियन डॉलर (करीब 1.70 हजार करोड़ रुपए) है। यह एयरक्राफ्ट थंडरबर्ड्स स्क्वाड्रन का था। यह टीम लास वेगास के पास नेलिस एयरफोर्स बेस से काम करती है और अपने एयर शो और खतरनाक स्टंट्स के लिए दुनियाभर में जानी जाती है। थंडरबर्ड्स टीम ने बताया कि ट्रेनिंग मिशन के दौरान पायलट विमान से सफलतापूर्वक बाहर निकल गया। पायलट को मामूली चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लोकल फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट ने बताया कि घटनास्थल पर सिर्फ पायलट मौजूद था और आग से आसपास के इलाके को कोई खतरा नहीं है।


क्रैश का कारण अभी साफ नहीं
अधिकारियों के मुताबिक सुबह 6 थंडरबर्ड्स जेट ट्रेनिंग के लिए उड़े थे, लेकिन सिर्फ पांच ही लौटे। शुरुआती जानकारी के मुताबिक विमान चाइना लेक नेवल एयर वेपन्स स्टेशन के पास गिरा। यह रीजन मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। थंडरबर्ड्स के एयर शो और ट्रेनिंग मिशन में F-16 फाइटिंग फाल्कन खास रोल निभाता है। एयरफोर्स की 57th विंग पब्लिक अफेयर्स ऑफिस के मुताबिक हादसे की जांच जारी है और क्रैश साइट की जांच पूरी होने के बाद और जानकारी शेयर की जाएगी।

 

25 से ज्यादा देश F-16 इस्तेमाल करते हैं
F-16 अमेरिका का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे 1970 के दशक में जनरल डायनामिक्स ने बनाया था। अब इसे अमेरिकी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है। पाकिस्तान समेत 25 से ज्यादा देश F-16 इस्तेमाल करते हैं। F-16 ने 2 फरवरी 1974 को पहली बार उड़ान भरी थी। इसे 21 जुलाई 1980 को "फाइटिंग फाल्कन" का नाम दिया गया था। साल 1976 से अब तक 4,600 से भी ज्यादा F-16 जेट अलग-अलग देशों के लिए बनाए जा चुके हैं। F-16 की स्पीड 2414 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी रेंज 4220 किलोमीटर तक है। इसमें एडवांस रडार सिस्टम है। साथ ही ये एडवांस हथियार से लैस होता है। ये फाइटर जेट हवा से हवा में मारने में सक्षम है। ये एक मिनट में करीब 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। F-16 चौथी जनरेशन का लड़ाकू विमान है। ये खराब मौसम में भी उड़ान भर सकता है।


51 साल में 768 बार क्रैश हुआ F-16
F-16 ने पहली उड़ान 1974 में भरी थी, जिसके बाद ये अब तक करीब 750 बार क्रैश हो चुका है। ये लड़ाकू विमान कई देशों में इस्तेमाल होता है, इसलिए इसके साथ हादसे भी ज्यादा हुए हैं। अगस्त 2025 में पोलैंड में F-16 क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट की मौत हो गई थी। इस साल आठ बार F-16 क्रैश कर चुका है। 2024 में सिंगापुर और ग्रीस के F-16 विमान टेकऑफ करते समय क्रैश हो गए थे, लेकिन पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए थे। 2018 में अमेरिकी सेना के मेजर स्टीफन डेल बाग्नो ट्रेनिंग के दौरान स्प्लिट‑S स्टंट करते समय बेहोश होकर कंट्रोल खो बैठे थे। 2015 में स्पेन में F-16 क्रैश हुआ था, जिसमें दो पायलट और जमीन पर मौजूद कई लोग की मौत हो गई थी। 1982–1993 के बीच, सिर्फ अमेरिका में ही लगभग 200 से ज्यादा F-16 जेट्स क्रैश हुए थे। F-16 के सबसे बड़े हादसे युद्ध में नहीं, बल्कि ट्रेनिंग और स्टंट उड़ानों के दौरान हुए हैं।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!