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विदेश नीति पर चोट... कांग्रेस ने पीयूष गोयल के आसियान बयान की आलोचना की

विदेश नीति पर चोट... कांग्रेस ने पीयूष गोयल के आसियान बयान की आलोचना की

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के एक बयान ने भारत-आसियान रिश्तों में तनाव ला दिया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के 'बी टीम ऑफ चाइना' बयान को लेकर आसियान देशों की नाराजगी सामने आई है। इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इसे भारतीय कूटनीति के लिए एक और झटका बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की समीक्षा में शामिल आसियान सह-अध्यक्ष ने गोयल की हालिया टिप्पणी पर असंतोष जाहिर किया है। गोयल ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को 'चीन की बी टीम' कह दिया था।


क्या बोले कांग्रेस नेता जयराम रमेश?


जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा भारत के ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम जैसे 10 आसियान देशों से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक गहरे रिश्ते हैं। करीब 60 साल पुराने इस संगठन की संयुक्त अर्थव्यवस्था भारत से थोड़ी ही कम है। ऐसे में वाणिज्य मंत्री का इन देशों को 'चीन की बी टीम' कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। अब आसियान ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह भारतीय कूटनीति को एक और झटका है, जो पूरी तरह टाला जा सकता था।


किस बयान से मची हलचल?


दरअसल, पिछले हफ्ते लंदन के साइंस म्यूजियम में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम के सत्र में पीयूष गोयल ने कहा था कि 15 साल पहले हमने उन देशों के साथ एफटीए पर ज्यादा फोकस किया, जो हमारे प्रतियोगी थे। जैसे अगर मैं आसियान देशों के साथ समझौता करता हूं, तो यह मेरे बाजार को अपने प्रतिस्पर्धियों के लिए खोलने जैसा है। इनमें से कई अब चीन की बी टीम बन चुके हैं।


पहले भी कांग्रेस ने जताई थी चिंता


कांग्रेस ने गोयल के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी थी। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने इसे 'गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक' करार देते हुए कहा था कि इस तरह के बयान भारत-आसियान व्यापार समझौतों को कमजोर करने वाले हैं। आनंद शर्मा ने कहा था कि यह बयान भारत और आसियान देशों के वर्षों पुराने विश्वास और साझेदारी को नुकसान पहुंचा सकता है। सरकार को जिम्मेदारी के साथ बात करनी चाहिए, न कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारे पड़ोसियों को आहत करे।

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