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नाहरगढ़. नाहरगढ़ कस्बे के लाल किला परिसर में स्थित माँ आशापाला माता के मन्दिर के शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापना व पंचकुंडीय महायज्ञ के नौ दिवसीय महोत्सव की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भव्य कलश यात्रा के साथ शिखर कलश व सभी कलशों के नगर भृमण के साथ शुरू हुई। 
कस्बे में बुधवार को गुना रोड स्थित विधुतेश्वर महादेव मंदिर पर प्रातः काल से ही कलश धारण करने वाली महिलाएं, बालिकाएं व सभी यजमान सहित श्रद्धालु पहुचने लगे। विद्वान पंडितों में विधिवत मंत्रोपचार के साथ पूजा अर्चना कर सभी कलशों को उनके यजमान को धारण करवा कर शोभायात्रा शुरू हुई। पावन कलश यात्रा शिव मंदिर से घुड़सवारों व डीजे बाजे की मधुर धुन के साथ भव्य कलश यात्रा प्रारंभ हुई। जो कि कस्बे के मुख्य चौराहे, शनि मंदिर के सामने से मुख्य बाजार के बाद लालकिला परिसर में स्थित माँ आशापाला माता के मन्दिर पहुँची। जहाँ विद्वान पंडितों द्वारा विधिवत पूजन कर यज्ञशाला में पावन कलशों को पूजन हेतु स्थापित किया गया। कलश यात्रा में सबसे आगे डीजे पर युवा वर्ग हाथों में भगवा ध्वज लिए भजनों पर थिरक रहे थे। जिनके पीछे पाँच घुड़सवार हाथों में ध्वज लिए चल रहे थे। कलश यात्रा के बीच में मां आशा पाला माता मंदिर के मुख्य शिखर स्वर्ण कलश वाहन के पीछे सभी माँ आशापाला मन्दिर परिसर में स्थित सभी देवालयों के कलश को लेकर जोड़े से यजमान, परिजन और उनके साथ पवित्र हवन कुंडों के यजमान व परिजन परिवार सहित व कस्बेवासी चल रहे थे। जिसके बाद डीजे पर मधुर भजनों के साथ कस्बे की सैंकड़ो बालिकाएं व महिलाएं अपने सिर पर पावन कलश लेकर पंक्तिबद्ध तरीके से चल रही थी। महिलाएं मंगलगीत गति हुई चल रही थी। कलशयात्रा में हजारों की संख्या श्रद्धालु शामिल रहे। कस्बे के विभिन्न स्थानों पर कलश यात्रा का पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। जगह जगह स्वागत द्वार लगाए गए। इस दौरान लोगो द्वारा स्वतः अपने प्रतिष्ठान बंद रख कलश यात्रा व शोभायात्रा में सहयोग किया। इस दौरान शोभायात्रा मार्ग समेत पूरे कस्बे में जगह जगह ध्वज पताकाएं लहरा रही थी।
अष्ठमी पर होगी शिखर स्वर्ण कलश की स्थापना-
माँ आशापाला मन्दिर के शिखर पर स्वर्ण कलश की स्थापना महाअष्ठमी पर पूरे विधि विधान के साथ होगी। साथ ही माँ आशापाला मन्दिर परिसर स्थित शीतला माता मंदिर, भगवान शिव मंदिर, भैरव बाबा मंदिर, नाग देवता मन्दिर, अखंड ज्योत मन्दिर व लालकिले की बुर्ज पर स्तिथ ठाकुर बाबा मन्दिर के शिखर पर भी विधिपूर्वक पूजा अर्चना व पंचकुंडीय महायज्ञ के बाद अष्ठमी पर कलश स्थापित किये जायेंगे। अभी रोजाना आचार्य पंडितो के द्वारा यजमानों के माध्यम से हवन यज्ञ करवाया जायेगा। वही अखंड रामायण का पाठ सहित अन्य अनुष्ठान भी लगातार किया जायेगा। वही पावन नवमी पर्व पर नगर भोज का आयोजन किया जायेगा। जिसमे सभी श्रद्धालु महाप्रसाद ग्रहण करेंगे।
 
                                                                        
                                                                    