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उद्योगों, उपभोक्ताओं में बढ़ा मानकों के प्रति विश्वास

उद्योगों, उपभोक्ताओं में बढ़ा मानकों के प्रति विश्वास

विश्व मानक दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है जिसे पूरी दुनिया में 1970 से 14 अक्टूबर को
मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम बेहतर दुनिया केलिए साझा दृष्टिकोण रखा गया है। यह
वार्षिक कार्यक्रम पूरी दुनिया में इंटरनेशल इलेक्ट्रो-टेक्निकल (आईईसी), अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण
संगठन (आईएसओ) और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जाता
है। दुनियां में प्रत्येक वस्तु और सेवा में एकरूपता बनी रहे इसके विश्व मानव दिवस मनाने की
आवश्यकता महसूस की गई। विश्व मानक दिवस हर साल 14 अक्टूबर को स्वैच्छिक
इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक मानकों के विकास के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक
अर्थव्यवस्था को मानकीकरण के महत्व के रूप में नियामकों, उद्योगों और उपभोक्ताओं के
बीच जागरूकता बढ़ाना है। हमारे दैनंदिन में जीवन मानकों का बहुत प्रभाव पड़ता है। मानक
आधुनिक जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़े हैं। मानक हमारे घर, सार्वजनिक भवन, खेल के मैदान,
विद्युत उपकरणों एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित बनाने में मदद करके जीवन क्षमता बढ़ाते
हैं। वे हमारे वातावरण को संरक्षण प्रदान करते हैं, उत्पादकता बढ़ाते हैं और जीवन को खुशियों
से भरते है।मानक (स्टैंडर्ड्स) यह सुनिश्चित करते हैं कि सेवाओं से किस प्रकार उपभोक्ता और उद्योग का
हित संभव है। इससे विश्वास और भरोसा बढ़ता है। औद्योगिक अपशिष्ट में कटौती, सीमित संसाधनों के
साथ अच्छे परिणाम के लिए मानकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उत्पाद एवं सेवा क्षेत्र के विभिन्न वर्गों में
मानकीकरण के कार्यों के अतिरिक्त विभिन्न प्रमाणन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। विभिन्न
प्रमाणन योजनाओं में बढ़ते हुए लाइसेंसों की संख्या यह दर्शाती है कि उद्योगों, उपभोक्ताओं और
जनसाधारण में मानकों के प्रति विश्वास बढ़ा है। मानकों के प्रयोग से संपूर्ण रूप से दीर्घगामी दक्षता में
वृद्धि के रूप में इसके परिणाम और उनका समाधान करने में महत्वपूर्ण माध्यम बन चुके हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तकनीकी फायदे हैं और इससे उत्पादों तथा सेवाओं को बेहतर बनाने तथा इनसे जुड़े
उद्योगों को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक मानकीकरण की दिशा
में जो भी अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं, उनका फायदा विकासशील देशों को ही मिलेगा। इससे न केवल
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनकी मांग बढ़ेगी, बल्कि व्यापार में लागत भी कम होगी तथा उत्पादकता में बढ़ोतरी
होगी।

मानक के माध्यम से आज पूरा विश्व एक दूसरे से जुडा हुआ है। हमारा डेविट, क्रेडिट कार्ड एटीएम मशीन से
हमारे लिए पैसे निकाल देता है, किसी भी दुकान से हमारे लिए वस्तुएं क्रय कर सकता है । हमारे द्वारा क्रय
किया गया किसी भी कम्पनी का बल्ब हमारे घर के होल्डर में फिट हो जाता है । यह सब मानको के कारण
ही संभव हुआ है। मानकों से ही तो लोगों में परस्पर सम्प्रेषण, मशीन, पुर्जो तथा उत्पादों में आपस में
तालमेल अत्यंत सरल हुआ है।
भारतीय मानक ब्यूरो निरंतर यह प्रयास रहा है कि वह निर्दिष्ट भारतीय मानकों से उत्पादों के अनुरूप
मूल्यांकन द्वारा मानकीकरण के फायदों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाए। इससे उपभोक्तााओं को गुणवत्ता
वाले उत्पांद मिलने के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य और सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
विश्व में वित्तीय अनिश्चितता आज सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए
रखना आज बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है। स्टैंडर्ड से उपभोक्ता का किसी चीज में विश्वास बढ़ता है।
भारतीय मानक ब्यूरो का यह निरंतर प्रयास है कि वह उपभोक्ताओं को विश्वास और सुरक्षा के साथ चीज
उपलब्ध करवाए। अंतरराष्ट्रीय मानक वैश्विक विश्वास के सृजक हैं। आम नागरिक को सरल एवं सुरक्षित
जीवन प्रदान करने के लिए सरकार विशेष नीतियों का निर्माण करती है जिससे कि सुदृढ़ मानकों का
निर्माण किया जा सके। विश्व स्तर पर विश्वास पैदा करना ही अंतरराष्ट्रीय मानकों का मुख्य उद्देश्य है।
मानकों के आधार पर निर्मित वस्तुएं, सेवाएं एवं विधियां हानि रहित होती हैं तथा पर्यावरण के अनुकूल एवं
सुरक्षित पद्धति से सुनिश्चित होती है। किसी भी वस्तु, सेवा या विधि के विस्तार तथा उसके विकास की
रीढ़ उसकी गुणवत्ता होती है। गुणवत्ता के गतिशील एवं सुविधाजनक होने से उपभोक्ता इसमें विश्वास
रखकर चलता है।
आज हमारे दैनिक जीवन में संचार एवं सूचना क्षेत्र तथा चिकित्सा क्षेत्र में विकास वैश्विक विश्वास के सृजन
का बहुत बड़ा उदाहरण है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ-साथ अपने परिवेश एवं परिस्थिति के अनुरूप
भारतीय मानक ब्यूरो का भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।

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