
भारत का चुनावी सिस्टम निष्प्रभावी, मोदी ने धांधली से जीत हासिल की : राहुल गांधी
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने पिछले 10 दिनों में तीसरी बार इलेक्शन कमीशन पर निशाना साधा है। राहुल ने शनिवार को कहा, भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है। हम आने वाले कुछ दिनों में आपको साबित कर देंगे कि लोकसभा चुनाव में कैसे धांधली हो सकती है और हुई भी। भारत के पीएम के पास बहुत कम बहुमत है। अगर 10-15 सीटों पर भी धांधली न होती तो वे भारत के प्रधानमंत्री भी नहीं होते। राहुल ने ये बातें दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एनुअल लीगल कॉन्क्लेव- 2025 में कहीं। वहीं, चुनाव आयोग (ECI) ने आज 12 जून को राहुल गांधी को भेजा गया लेटर जारी किया है। ECI के मुताबिक, यह पत्र उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर दिए गए बयानों पर भेजा था और मुलाकात कर आरोप साबित करने को कहा था। राहुल ने अब तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया और न ही मुलाकात की। इससे पहले राहुल ने 1 अगस्त को कहा था कि, चुनाव आयोग वोटों की चोरी करा रहा है। हमारे पास एटम बम है। जब फटेगा तो चुनाव आयोग बचेगा नहीं। राहुल के इस बयान का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को जवाब दिया। राजनाथ बोले- अगर आपके पास परमाणु बम है तो उसे फोड़ दें। हां इतना ख्याल रखें कि आप सुरक्षित रहें।
राहुल की स्पीच, 4 आरोप लगाए
2014 से ही मुझे इलेक्शन सिस्टम पर संदेह रहा है। भाजपा का इतनी बड़ी जीत हासिल करना आश्चर्यजनक था। मैं बिना सबूत के कुछ नहीं कह सकता था, लेकिन अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं। लोकसभा में, हम चुनाव जीते। और फिर चार महीने बाद, हम न केवल हारे, बल्कि पूरी तरह से खत्म हो गए। हमने पाया कि महाराष्ट्र में, लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़े। इनमें से ज्यादातर वोट भाजपा को जाते हैं। संविधान की रक्षा करने वाली संस्था को मिटाकर उस पर कब्जा कर लिया गया है। हमारे पास ऐसे सबूत हैं जो पूरे देश को दिखा देंगे कि चुनाव आयोग जैसी संस्था का कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह गायब हो गई है। चुनाव आयोग जैसी संस्था ठीक से काम नहीं करती। आपको जानकर हैरानी होगी कि चुनाव आयोग जो दस्तावेज उपलब्ध कराता है, उन्हें स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग मतदाता सूची पर स्कैन और कॉपी प्रोटेक्शन क्यों लागू करता है?
चुनाव आयोग ने लिखा-कांग्रेस को आपत्ति तो कोर्ट जा सकती है
चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए लेटर में लिखा है कि कांग्रेस ने पहले भी नवंबर 2024 के चुनावों के बाद ऐसे ही आरोप लगाए थे, जिनका विस्तृत जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया था। पत्र में बताया गया है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता से, कानून के अनुसार और हजारों अधिकारियों की निगरानी में कराए गए। आयोग ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को कोई कानूनी आपत्ति थी तो वह कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल कर सकती थी। चुनाव आयोग ने लिखा,
चुनाव आयोग ने एक दिन पहले दिया था जवाब...
इलेक्शन कमीशन पर लगातार निशाना साध रहे राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जवाब दिया था। इलेक्शन कमीशन ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग ऐसे निराधार आरोपों को नजरअंदाज करता है। लगातार दी जा रही धमकियों के बावजूद, हम सभी चुनाव अधिकारियों से कहना चाहते हैं कि वे पहले की तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करें। गैरजिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करें।
हटाए गए नामों के पीछे का कारण
वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसके अलावा स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनके नाम दो बार दर्ज थे। आंकड़ों के अनुसार, 22 लाख मतदाताओं की मौत हो चुकी है, 36 लाख मतदाता अन्य स्थानों पर स्थानांतरित पाए गए हैं और 7 लाख लोग किसी नए जगह स्थायी निवासी बन चुके हैं।
24 जून 2025 से शुरू हुआ था विशेष अभियान
SIR 24 जून 2025 को शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना। इस कार्य के तहत 7.24 करोड़ मतदाताओं से फॉर्म लिए गए। पहला चरण 25 जुलाई 2025 तक पूरा किया गया, जिसमें 99.8% कवरेज हासिल की गई।