
हिजाब से शुरू, महिलाओं की निगरानी पर खत्म
वक्त बदल रहा है और बदलते वक्त के साथ टेक्नोलॉजी भी बदल रही है। नई टेक्नोलॉजी नए संभावनाओं के दरवाजे खोल रही है। पूरी दुनिया में एआई आधारित चैटबॉट इंसानों के कामों को पहले से अधिक आसान बना रहे हैं। लेकिन ईरान में मामला थोड़ा अलग है। गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा भी था कि एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाता है तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ ईरान में देखने को मिल रहा है जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हिजाब कानून को सख्ती से लागू करने के लिए किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान देश के अनिवार्य हिजाब कानून का उल्लंघन करने वाली महिलाओं की निगरानी और उन्हें दंडित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सार्वजनिक मुखबिरों पर तेजी से निर्भर हो रहा है। यह निष्कर्ष ऐसे समय में आया है जब कट्टरपंथी हिजाब कानून का विरोध करने वालों के खिलाफ सख्त दंड की मांग कर रहे हैं। ईरान पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय तथ्य-खोज मिशन ने कहा कि चल रहे विरोध और प्रतिरोध के बावजूद, देश में महिलाओं को व्यवस्थित भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने हिजाब अनुपालन को लागू करने के लिए व्यवसायों और निजी व्यक्तियों को शामिल करना शुरू कर दिया है, इसे नागरिक कर्तव्य के रूप में चित्रित किया है।