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आहोर. भाद्राजून स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर, भाद्राजून परिसर में मातृ शक्ति पूजन कार्यक्रम आयोजन हुआ जिसमें माता बहिनों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सरपंच संतोष कंवर, समाज सेविका मंजू जांगिड़, अभिभावक सुरेखा सोनी के द्वारा मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती मंजू जांगिड़ ने कहा कि बालक परिवार में माता-पिता से व्यवहार सीखता है। मां बालक की प्रथम गुरू तथा परिवार प्रथम पाठशाला होती है। बालकों को सच्ची एवं देशभक्ति की कहानियॉ सुनानी चाहिए। केवल भौतिक सुख सुविधाएं देने से बालकों का भविष्य नही बनता है। बच्चों के सामने नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए प्रधानाचार्य श्री महावीर सिंह परिहार ने कहा कि मां की महिमा को कभी शब्दों में नही बांध सकते है। मां ही सृष्टि की सृजनहार एवं पालनहार हैं। बालक का बौद्धिक शारीरिक एवं मानसिक विकास माता के द्वारा ही होता है। मुख्य वक्ता बालिका शिक्षा प्रभारी श्रीमती कविता रावल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है, हमारा व्यवहार अच्छा होना चाहिए, परिवार में सभी को मिलकर रहना चाहिए, मिलकर रहने से बालक में संस्कार आते है। बालक को मोबाइल से दूर रखना चाहिए। मैं जीजा की अमर सहेली, पन्ना की प्रतिछाया हूं, हाडी की हूं अमिट निशानी, नाना की छबिली हूं। मां चाहे तो बालक को पन्ना धाय, जीजाबाई, दुर्गावती, पद्मावती, गौतम, बुद्ध, राम, कृष्ण, विवेकानंद बना सकती है। शिशु गर्भावस्था से ही संस्कार ग्रहण करता है। माता को बालक की पढ़ाई का ध्यान रखना चाहिए। बालक को अच्छा बनाने के लिए पिता से भी ज्यादा जिम्मेदारी माता की होती है। अंग्रेजी माध्यम से ज्यादा हिंदी माध्यम में संस्कार दिए जाते है। कार्यक्रम के अंत मे मातृशक्ति का पूजन बालकों के द्वारा किया गया और मातृशक्ति ने मेंहदी व रंगोली प्रतियोगिता में भाग लिया और उन सबको सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य,आचार्या संजीव, पप्पू राम पटेल, पृथ्वी सिंह, मंशा कुमारी, वर्षा कुमारी, पोनी कुमारी, अनिता सुथार, भावना वैष्णव उपस्थित रहे।
 
                                                                        
                                                                    