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अवैध खनन गतिविधियों की शिकायत के लिए खान विभाग ने जारी किया वाट्सएप नंबर

अवैध खनन गतिविधियों की शिकायत के लिए खान विभाग ने जारी किया वाट्सएप नंबर

अवैध खनन गतिविधियों की वाट्सएप नंबर 9468742101 पर आम नागरिक दे सकेंगे जानकारी

जयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशों पर राज्य के खान विभाग ने अवैध खनन गतिविधियों पर लगाम कसने की पूरी तैयारी कर ली है। अवैध खनन गतिविधियों को समूल नष्ट करने के लिए विभाग द्वारा अब जनभागीदारी भी ली जाएगी। विभाग द्वारा मुख्यालय स्तर पर सप्ताह के सातों दिन 24 घंटें संचालित होने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। आम लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा कंट्रोल रुम का वाट्सएप नंबर 9468742101 भी जारी किया हैं। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से कहीं पर भी होने वाली अवैध खनन, अवैध खनिज परिवहन और अवैध खनिज भण्डारण से संबंधित जानकारी या शिकायत कोई भी नागरिक मय लोकेशन के इस वाट्सएप नंबर पर दे सकते हैं।

माइंस सचिव मती आनन्दी ने शनिवार को माइंस विभाग के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकार का ध्येय अवैध खनन गतिविधियों को समूल नष्ट करना है और इसके लिए अधिकारियों को अवैध गतिविधियों के मूल स्रोत पर प्रहार करना होगा ताकि अवैध गतिविधियों पर स्थाई रोक लग सके। विभाग द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष का एसएमई विजिलेंस एसपी शर्मा को प्रभारी बनाया गया है और नियंत्रण कक्ष ने शनिवार से तत्काल प्रभाव से काम करना आरंभ कर दिया गया है। नियंत्रण कक्ष सप्ताह के सातों दिन यानी कि अवकाश के दिन भी 24 घंटों काम करेगा। वाट्सएप नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर अविलंब कार्यवाही कराने के निर्देश दिए गए हैं वहीं वाट्सएप पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं व शिकायतों पर कार्यवाही की राज्य सरकार स्तर पर समीक्षा की जाएगी।

प्रदेश में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने की राज्य सरकार की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि मुख्य सचिव सुधांश पंत नियमित रुप से प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 15 जनवरी से 31 जनवरी तक खान, राजस्व, परिवहन, पुलिस और वन विभाग द्वारा संयुक्त रुप से अवैध खनन गतिविधियोें के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

खान सचिव आनन्दी ने कहा कि अभियान की शुरुआत अच्छी है, समन्वित सहयोग और प्रयासों से परिणाम भी सकारात्मक प्राप्त हो रहे हैं पर सरकार की स्पष्ट मंशा है कि अवैध खनन गतिविधि को समूल नष्ट करने के लिए कठोरतम कार्यवाही की जाए ताकि खनन माफियां अवैध खनन गतिविधि संचालित करने की दोबारा हिम्मत ही नहीं कर सके। इसके लिए मूल स्रोत, बड़ी मशीनों व उपकरणों की जब्ती जैसे सख्त कदम भी उठाने में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएं। तत्काल प्रभाव से पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जावें। बैठक में खातेदारी सहित खनन स्थलों पर निगरानी रखने के साथ ही स्टॉक सत्यापन भी किया जा सकता है।

वर्चुअल बैठक में अवैध खनन गतिविधियों पर पूर्व में की गई कार्यवाहियों के दौरान लगाये गये जुर्माने की बकाया राशि भी वसूलने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अवैध खनन गतिविधियों को चिन्हित करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन सहित आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। बैठक में स्पष्ट किया गया कि प्रदेश में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बहुत संभावनाएं है और हमें इस अभियान के अवसर का फायदा उठाते हुए खनन माफियाओं के रेकेट को खत्म करना है।

बैठक में संयुक्त सचिव माइंस नीतू बारुपाल ने बताया कि प्रदेश से अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने का यह अच्छा अवसर मिला है और राज्य सरकारी की मंशा और निर्देशों के अनुसार इस अभियान को सफल बनाना है।

वर्चुअल बैठक में अतिरिक्त निदेशक विजिलेंस योगेन्द्र सिंह सहवाल ने पीपीटी के माध्यम से अभियान के दौरान की गई कार्यवाही की जानकारी दी। अतिरिक्त निदेशक ओम प्रकाश जैन, अतिरिक्त निदेशक जयपुर बीएस सोढ़ा, ओएसडी महावीर प्रसाद मीणा एडीजी आलोक जैन, एसजी संजय गोस्वामी, जेएलआर गजेन्द्र सिंह व मुख्यालय व फील्ड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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