
फलोदी : मैजर शैतान सिंह स्टेडियम में घटिया निर्माण कार्य का पर्दाफाश, नगरपरिषद फलोदी की लापरवाही और भ्रष्टाचार उजागर, 6 करोड़ की परियोजना अधूरी
फलोदी। जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल परिसर मैजर शैतान सिंह स्टेडियम खेल प्रतिभा का केंद्र बनने की बजाय इन दिनों भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की वजह से सुर्खियों में है। नगरपरिषद फलोदी ने बास्केटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, स्केटिंग कोट, मॉडर्न लाइब्रेरी और जॉगिंग ट्रैक जैसे विकास कार्य शुरू कराए थे, लेकिन इनमें से ज्यादातर अधूरे या खराब हालत में हैं।
ठेके की प्रक्रिया पर सवाल- सूत्रों के अनुसार लगभग ₹6 करोड़ की परियोजना को नियमों के विपरीत 49-49 लाख की छह निविदाओं में बांटा गया। ठेका जोधपुर की देवकृपा कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला। आरोप है कि तत्कालीन अधिशासी अभियंता और कनिष्ठ अभियंता ने मिलीभगत कर घटिया सामग्री से कार्य करवाया और 90% भुगतान भी करवा दिया , जबकि अधिकांश काम अधूरे हैं।
जमीनी हकीकत-
- बास्केटबॉल व बैडमिंटन कोट:सतह उखड़ी, बारिश में फिसलन से खिलाड़ी घायल होने का खतरा।
- वॉलीबॉल कोट:सिर्फ नाम मात्र का घेरा, जाल व लेवलिंग नहीं।
- स्केटिंग ट्रैक:अधूरी बाउंड्री, असमान फर्श, गलत ढलान।
- मॉडर्न लाइब्रेरी:अधूरा ढांचा, बिजली-पानी-इंटरनेट तक नहीं।
- जॉगिंग ट्रैक:अधूरा पाथवे, मिट्टी उखड़ी, जगह-जगह गड्ढे।
शिकायतें और उदासीनता- स्थानीय नागरिकों और खिलाड़ियों की लगातार शिकायतों के बावजूद नगरपरिषद ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। वर्तमान आयुक्त ने 20 अगस्त को फर्म को नोटिस जारी कर तीन दिन में कार्य सुधारने के निर्देश दिए, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ।
लोगों की मांगें-
- सभी कार्यों कीस्वतंत्र तकनीकी जांच हो।
- जिम्मेदार इंजीनियरों व ठेकेदारों परएफआईआर दर्ज कर कार्रवाई हो।
- अधूरे कार्यों को मानक अनुसार शीघ्र पूरा कराया जाए।
- भविष्य मेंनियम उल्लंघन पर शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई जाए।
फलोदी जैसे छोटे शहर में खेल मैदानों की भारी कमी है। ऐसे में स्टेडियम में इस तरह का भ्रष्टाचार और लापरवाही, खिलाड़ियों और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। अब जरूरी है कि जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई हो और यह संदेश दिया जाए कि जनधन की लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।