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भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस ले लिया है। हालांकि यह नोट वैध मुद्रा बना रहेगा। आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर, 2023 तक 2,000 रुपये के नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। लेकिन इस फैसले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत। पहला एक्ट, बाद में विचार। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को डराने आ गया है। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण का बहुप्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। उन्होंने सावल करते हुए कहा कि पीएम ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर देश को दिया उपदेश, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के कदम के लिए अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार अपने जनविरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए है। आशा है कि मीडिया इस तरह के कठोर उपाय पर सरकार से सवाल करेगा और इसे दुनिया में 'चिप की कमी' के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगा।
 
                                                                        
                                                                    