बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाओं का दिया प्रशिक्षण
श्रीगंगानगर। माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा जारी योजना बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा योजना 2024 व मानसिक रूप से बीमार व बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सेवाऐं योजना 2024 के तहत गठित 2 यूनिट का प्रशिक्षण कार्यक्रम लोक अदालत भवन श्रीगंगानगर में बुधवार को आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश आलोक सुरोलिया ने उपस्थितजनों, पीएलवी व पैनल अधिवक्तागण को सम्बोधन में बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बालकों के साथ किसी भी तरह का पक्षपातपूर्ण व्यवहार न किया जाये। बालकों को सभी स्तरों पर सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। उसे हानि, शोषण व उपेक्षा आदि से निजात दिलाने की जरूरत है। किसी भी बालक की गोपनीयता व सुरक्षा विधिक सेवा संस्थानों के समस्त स्तरों पर सुनिश्चित की जावेगी।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश गजेन्द्र सिंह तेनगुरिया सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गंगानगर द्वारा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाओं 2024 व मानसिक रूप से बीमार व बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सेवाऐं योजना 2024, को जिला विधिक प्राधिकरण के तहत जिले के पैरा लीगल वॉलेंटियर व पैनल अधिवक्तागण को दो द्विवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग राजीव जाखड़, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विजय कुमार, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति जोगेन्द्र कौशिक, राजकीय अस्पताल गंगानगर के मनोरोग चिकित्सक डॉ. अशोक अरोड़ा व डॉ. मन्जू बिश्नाई, चीफ डिफेंस काउंसिल रोहताश यादव ने भी बालकों से संबंधित विभिन्न मैत्रीपूर्ण योजनाओं से संबंधित जानकारी प्रदान करते हुए प्रशिक्षण प्रदान किया।