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जनसेवक ने दानदाता बन किया प्रायश्चित करने का ढोंग

जनसेवक ने दानदाता बन किया प्रायश्चित करने का ढोंग

पिलानी . जनसेवक, समाज सेवी, दानदाता  बिरला अस्पताल के निदेशक ओर न जाने क्या क्या अपने नाम के साथ जोड़ ने वाले मधुसुदन मालानी ने अपने द्वारा किए गए कर्मों का प्रायश्चित करने का नया तरीका निकाला है जो कि सही मायने में उनका स्वयं की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरी कर अपने आपको प्रचारित करने का  नया ढोंगी तरीका है। वाल्मीकि बस्ती के लोगों ने मधुसुदन मालानी को पिलानी की वाल्मीकि बस्ती में धनतेरस पर एक गरीब के मकान का जिर्णोद्धार करवाने के लिये बधाई  प्रेषित की है पर साथ ही उन लोगों का यह भी कहना है कि उन लोगों का क्या जो इसी वाल्मीकि बस्ती के है ओर बिरला अस्पताल के कर्मचारी रहे हैं जिनकी आपने रोजी-रोटी छीन रखी है जो 15 से 20 है कर्मचारी हैं चर्चा है कि ये बेचारे आज  दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं जिनके घर आज दिवाली के दिन भी अन्धकार छाया हुआ है उनकी आत्मा रो रही है।
 दूसरा इसी क्रम में इन लोगों द्वारा आपकी जानकारी के लिए बताया गया है कि पिलानी में भी एक संगठन है "*निर्बल कुटीर  सेवा दातत्री* "संगठन जिसके संस्थापक हैं श्री शम्भू दयाल जी वर्मा जो वर्षों से इस सेवा कार्य में जन सहयोग से  निस्वार्थ रुप से जुटे हुए हैं जो गरिबों को नये मकान ही नहीं बल्कि उनके मकानों का जिर्णोद्धार भी लगातार करवा रहे हैं ओर अब तक करीब बीसियों नये मकान बनवा कर गरिबों को दे चुके हैं ओर वो भी बिना किसी प्रचार प्रसार के अगर सही मायने में आप सच्ची समाज सेवा करना चाहते हैं तो इनसे सबक ले ओर अस्पताल से हटाये गये कर्मचारियों को रोजी-रोटी फिर से मूहया करवायें, आपने इनको रोजी-रोटी दे दी तो इनका कहना है कि मकान तो वे स्वयं ही बनवा लेंगे। चर्चा में भी है कि आपने अपनी फेसबुक पर लिखा है कि बूराई करने वाले तो ऐसे ही बूराई करते रहते हैं,  तो आप बूराई वाले काम करते ही क्यों हो अच्छे काम किया करो फिर ये जनता तो आपको पलकों पर बिठा लेगी। एक तरफ तो आप लोगों की रोजी-रोटी छीन कर उनको दाने दाने के लिये मोहताज कर रहे हैं दूसरी तरफ आप एक मकान का जिर्णोद्धार करवा कर वाही वाही लूटना चाहते हैं तो जनता तो इसको समाज सेवा के नाम पर ढोंग ही कहेगी। पिलानी व आसपास के गांवों में यह भी चर्चा का विषय बन हूआ है कि जब से आप बिरला अस्पताल में आये हो अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है इसका ताजा उदाहरण है पिछले दिनों अस्पताल के नर्सिंग कॉलेज में छात्राओं द्वारा प्रशासन के विरुद्ध कालेज व नर्सिंग होस्टल में फैले भ्रष्टाचार व अव्यवस्थाओं को लेकर किया गया हंगामा है परिणाम स्वरूप आधी से ज्यादा हास्टल में रहने वाली छात्राओं द्वारा हास्टल खाली कर अन्यत्र रहने को मजबूर होना है।
इस बात को लेकर छात्राओं के अभिभावकों में भी बहुत आक्रोश सूनने को मिल रहा है ऐसे ही अस्पताल  कर्मचारियों में भी आतंक का माहौल देखने सुनने को मिल रहा है उनका कहना कि पता नहीं कब किस कर्मचारी को आपके किसी चाटूकार के कहने पर अनूशासनहिनता का बहाना बना कर  नौकरी से निकाल दिया जाएगा। 
इन सबके के चलते संस्था का माहौल पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है कर्मचारीयों का कहना है कि कोई देखने सुनने वाला ही नहीं है किसको कहे । चर्चा इस बात की भी जोरों पर है कि अस्पताल में खूले आम आपकी तानाशाही के चलते भ्रष्टाचार हो रहा है। अस्पताल में अव्यवस्थाओं के चलते मरीज़ परेशान हो रहे हैं । अस्पताल के उच्च प्रबन्धन को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से इस ओर ध्यान देकर संस्था की व्यवस्था को सूधारे ओर बिरला परिवार की धूमिल हो रही छवि को बचायें।

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