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राहुल ने ‘शराब घोटाले’ का हवाला देते हुए केसीआर पर भाजपा के नियंत्रण में होने का आरोप लगाया

राहुल ने ‘शराब घोटाले’ का हवाला देते हुए केसीआर पर भाजपा के नियंत्रण में होने का आरोप लगाया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के कथित ‘शराब घोटाले’ का हवाला देते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘रिमोट कंट्रोल’’ में होने का आरोप लगाया। दिल्ली शराब घोटाला मामले में राष्ट्रीय राजधानी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के अलावा तेलंगाना के कुछ नेता भी कथित तौर पर जांच के घेरे में हैं। गांधी ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘तेलंगाना और उसके युवाओं को एक बात समझनी चाहिए कि केसीआर अपनी भ्रष्टाचार गतिविधियों के कारण प्रधानमंत्री मोदी के नियंत्रण में हैं। शराब घोटाले में उन्होंने जो भ्रष्टाचार किया, वह सभी एजेंसियों को पता है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने कहा कि टीआरएस भाजपा की बी-टीम है और उन्होंने इसका नाम बदलकर बीआरएस कर इसे स्वीकार लिया है, जिसका मतलब है बीजेपी रिश्तेदार समिति।’’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित धन शोधन मामले में शराब कार्टेल ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़े अरुण रामचंद्र पिल्लई को गिरफ्तार किया था। उन्हें मुख्यमंत्री राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद के. कविता का करीबी सहयोगी माना जाता है। कविता से भी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मामले में पूछताछ की गई है। गांधी ने कहा कि जब कांग्रेस ने संसद में कृषि विधेयक का मुद्दा उठाया, तो टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति को अब भारत राष्ट्र समिति के नाम से जाना जाता है) ने भाजपा का समर्थन किया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मोदी जो चाहते हैं, राव उनके लिए करते हैं, क्योंकि मोदी को केसीआर का रिमोट कंट्रोल मिल गया है।’’ हाल के कर्नाटक विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले, हमने कर्नाटक में भ्रष्ट और गरीब विरोधी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी और हमने उसे हरा दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कर्नाटक में भाजपा को हराया, जहां उन्हें उनके अरबपति मित्रों का समर्थन प्राप्त था और तेलंगाना में भी कुछ ऐसा ही होने जा रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री, उनका परिवार और उनके 10-15 अरबपति मित्र हैं और दूसरी तरफ सभी गरीब, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, छोटे दुकानदार, किसान और छोटे कामगार हैं, जो मिलकर वही दोहराएंगे, जो कर्नाटक में हुआ।’’ गांधी ने कहा, ‘‘जैसे हमने कर्नाटक में भाजपा को हराया, वैसे ही हम तेलंगाना में भाजपा की बी-टीम को हराएंगे।’’ अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता बनाने की हालिया कोशिशों पर उन्होंने कहा, ‘‘जब विपक्षी दलों की बैठक हुई तो उन्होंने हमसे कहा कि टीआरएस को भी बुलाया जाना चाहिए, लेकिन हमने उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि अगर टीआरएस इस बैठक में शामिल होती है, तो कांग्रेस इसमें शामिल नहीं होगी।’’

गांधी ने कहा, ‘‘हमने विपक्षी दलों से कहा कि टीआरएस भाजपा की बी-टीम है और हम उन्हें तेलंगाना से बाहर निकाल देंगे। हम भाजपा की बी-टीम के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते।’’ हालांकि, गांधी ने महाराष्ट्र के घटनाक्रम के बारे में कुछ नहीं कहा, जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार आठ अन्य विधायकों के साथ सरकार में शामिल हो गए। इस घटनाक्रम को विपक्षी खेमे के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बात यह भी बताना चाहता हूं कि ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। हमारे दरवाजे हमेशा सभी के लिए खुले हैं। जो भी कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखता है, हमारे दरवाजे उसके लिए हमेशा खुले हैं।’’ गांधी ने कहा, ‘‘लेकिन जो भी भाजपा और टीआरएस की विचारधारा में विश्वास करता है, हमें उन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि वे हमारी रीढ़ हैं और वे टीआरएस को आसानी से हरा सकते हैं।आपने कर्नाटक में अपनी ताकत दिखा दी है और अब यहां तेलंगाना में भी ऐसा ही करने का समय आ गया है।’’ उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों और विधवाओं को 4,000 रुपये प्रति माह पेंशन और आदिवासियों के लिए जमीन देने का भी वादा किया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह गरीबों की मदद के लिए एक और कदम है।

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