
फ्लॉप शो साबित हुई राहुल की मोहब्बत की दुकान
हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में हाल ही संपन्न विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की
मोहब्बत की दुकान फ्लॉप शो साबित हुई। इसी के साथ पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में
भी मोहब्बत की दुकान पर खतरा मंडराते लगने लगा है। तेलंगाना जीत कर कांग्रेस ने जरूर अपनी
इज्जत बचाई है। इसके बावजूद कांग्रेस है कि सुधरने का नाम नहीं ले रही है। राहुल, प्रियंका और कांग्रेस
अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनावों में अपने वही
घिसे पिटे आरोप एक बार फिर दोहराये जो एक दशक से देश की जनता नकार रही है। इसके साथ ही नफरत
के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान का जुमला भी लोगों ने स्वीकार नहीं किया। यही नहीं प्रियंका ने एक मंदिर
में प्रधान मंत्री के लिफाफे को मुद्दा बनाने की कुचेष्टा कर झूठ को सच में बदलने का प्रयास किया। यह बात
भी लोगों को हज़म नहीं हुई। बार बार अडानी अडानी कहकर कांग्रेस ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। मोदी
पर निजी आरोप भी लोगों ने ठुकरा दिये। कांग्रेस और राहुल, प्रियंका कब सुधरेंगे , यह भविष्य के गर्त छिपा
है। लोकसभा चुनाव पांच महीने बाद होने वाले है , कांग्रेस नहीं सुधरी तो यहाँ भी उसको मुंह खाने से कोई
भी नहीं रोक पायेगा दूसरी तरफ मोदी ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना संघर्ष तेज़ कर दिया है।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और सांसद धीरज साहू के यहाँ पड़े आयकर छापों में 300 करोड़ से अधिक के कालेधन
की राशि बरामद होने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री
अमित शाह तक भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। मोदी ने
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के
भाषणों को सुनें। उन्होंने जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है। अब
लोग इस बात का इंतज़ार भी बड़ी व्यग्रता से कर रहे है की देश में पिटने के बाद राहुल विदेश जाकर कब
मोदी और देश के खिलाफ अपनी नफरत का पिटारा खोलेंगे। राहुल के कुछ दोस्त उनकी प्रस्तावित विदेश
यात्रा और भाषण का लेखा जोखा तैयार कर रहे है।
राहुल गांधी की एक दशक की सियासी यात्रा पर दृष्टिपात करें तो पाएंगे कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के
बाद उन्होंने मोदी पर तरह तरह के आरोप लगाए। इससे पूर्व जब दुनिया भर के दिग्गज नेता दिल्ली में
आयोजित जी -20 में शामिल होकर जहाँ भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्लोबल लीडर के रूप में
खुलकर सराहना कर रहे थे तो वहीं कांग्रेस के नेता राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर देश और मोदी के
खिलाफ जहर उगल रहे थे । यह वह वक्त था जब पूरी दुनिया की नजर भारत पर थी । ऐसे समय में भी
राहुल गांधी भारत को कोसने से बाज नहीं आये । अपनी यूरोप यात्रा के दौरान बेल्जियम पहुंचे कांग्रेस नेता
राहुल गांधी ने कहा कि भारत के लोकतांत्रित संस्थाओं पर पर चौतरफा हमला हो रहा है और देश के
लोकतांत्रिक ढांचे को दबाने की कोशिश पर यूरोपीय संघ के हलकों में भी चिंता है। राहुल ये दावा करते रहे
कि वो नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। राहुल गाँधी ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स
में कहा देश के संविधान को बदलने की कोशिश हो रही है। अल्पसंख्यकों और दलितों पर हमले हो रहे हैं।
सरकार दहशत में है और पीएम मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं।
राहुल गाँधी अपने देश के पीएम नरेंद्र मोदी के बहाने देश के लोकतंत्र पर हमला बोलते तनिक भी नहीं
हिचकिचाते । चीन की तरफदारी कर राहुल देश को ही कटघरे में खड़ा करते रहे है । मगर वे यह भूल गए
देश की जनता ने नेहरू, इंदिरा और राजीव की भांति मोदी को भी प्रचंड बहुमत के साथ देश का ताज पहनाया
है। वे यह भी कहते है भारत एक राष्ट्र नहीं है। जब से कांग्रेस देश की सत्ता से बाहर हुई है तब से उनकी हालत
बिन पानी मछली सी हो रही है। धीरे धीरे कांग्रेस लगातार अपना वजूद खोती जा रही है मगर सुधरने का
नाम नहीं ले रही है। गौरतलब है राहुल ने देश की सवैंधानिक संस्थाओं यथा चुनाव आयोग, न्यायालय और
प्रेस पर भी समय समय पर हमला बोला है । मोदी और भाजपा की आलोचना खूब कीजिये जनाब, मगर देश
को बक्श दीजिये। कांग्रेस में यह क्या हो रहा है, अपनी पार्टी को संगठित करने के बजाय देश को तोड़ने वाली
बातें कर क्या हासिल करेंगे यह समझ से बाहर है।