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बालोतरा। माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के एक्शन प्लान के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा एवं मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह सवेरा संस्था द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर रैली एवं कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रैली को गौर का चौक से अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एम. आर. सुथार (जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बालोतरा) एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा सिद्धार्थ दीप (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, बालोतरा) ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली गौर के चौक से शास्त्री सर्किल, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय से होते हुए घंटाघर एवं रेलवे स्टेशन से न्यायालय परिसर में विसर्जित हुई। रैली में शामिल बच्चों ने मानसिक स्वास्थ्य को दुरस्त करने के पट्टी पर अंकित संदेशों से आमजन को जागरूक किया।
रैली के समापन पर एडीआर भवन सभागार को संबोधित करते हुए एम. आर. सुथार ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मानसिक रूप से बीमार बच्चों के लिए संवेदनशीलता और सहायता आवश्यक है, इसलिए हमें उनके प्रति समझदारी और सहानुभूति के साथ पेश आना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य केवल उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है जो पहले से ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं, बल्कि यह उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी आवश्यक है जो विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत हैं। मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने से न केवल उनकी कार्यक्षमता में सुधार होता है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी सहायक होता है।
सचिव सिद्धार्थ दीप ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे हमारे भविष्य का आधार हैं, और उनका मानसिक स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे यह सुनिश्चित कर सकें कि बच्चे और वयस्क खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकें। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे, ताकि मानसिक स्वास्थ्य को एक सामान्य विषय बनाया जा सके। सचिव ने बताया कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नजर अंदाज करना उनके विकास में बाधा डाल सकता है क्योंकि एक स्वस्थ मन के साथ ही बच्चे अपने अध्ययन, खेल और सामाजिक जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
इनर व्हील अध्यक्ष ममता गोलेच्छा ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाना आवश्यक है। हमें यह समझना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ असामान्य नहीं हैं। बच्चों में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियाँ आम हैं, और हमें इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए, सभा में उपस्थित सभी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनने और बच्चों की भलाई के लिए प्रयासरत रहने का संदेश दिया गया।
 
                                                                        
                                                                    