भगवान को संकट में ही नहीं सर्वदा याद करो - स्वामी सुधीरानंद गिरी
फलोदी। बापू नगर स्थित संवित साधनाश्रय में गीता सत्संग करते हुये स्वामी श्री सुधीरानंद गिरी महाराज ने कहा कि यदि तुम भगवान के लिये कर्म करने में असमर्थ हो तो भगवान की शरण लेकर समस्त कर्म फल ईश्वर में त्याग दो। कर्मफल त्याग के लिये ईश्वर की शरण लेनी होगी जब साधक के मन में ईश्वर प्रेम भाव होगा तब ही वह कर्मफल त्याग कर सकेगा। कर्म के परिणाम स्वरूप जो फल मुझे मिलेगा वह भगवान का प्रसाद ही है, ऐसी बुद्धि आयेगी तब ही कर्मफल त्याग कर सकते है। भगवान शरण को लेकर ऐसा विचार करो कि जो सुख-दुःख हमें मिल रहे हैं, वो प्रकृतिजन है ऐसा भाव हो । हमारे जीवन जो आरहे हैं वे हमें कुछ सीखाने के लिये ही आ रहे है। यदि तुम दुःख लेकर बैठ जाओगे तो तुम साधनापथ पर आगे नहीं बढ़ पाओगे । हम संकट आने पर ही भगवान को याद करते हैं जबकि भगवान को हमेशा याद रखना चाहिए।