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सूरतगढ़ . विटिलिगो दिवस के उपलक्ष पर स्थानीय राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सूरतगढ़ में चर्म एवं यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेश अनुपाणी द्वारा आईएडीवीएल द्वारा जारी पोस्टर का विमोचन कर मरीजों को विटिलिगो (सफेद दाग) के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर डॉ. लोकेश अनुपानी  ने बताया कि विश्व विटिलिगो दिवस  हर वर्ष 25 जून को माइकल जैक्सन (जो कि विटिलिगो बीमारी से ग्रसित थे) की पुण्यतिथि पर आमजन में विटिलिगो के बारे में शिक्षा के प्रयासों को बढ़ावा देने एवं विटिलिगो से प्रभावित लोगों द्वारा सामना किए जाने वाले सामाजिक कलंक एवं मानसिक चुनौतियां के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष 2023 में विटिलिगो लुकिंग इंटू द फ्यूचर  थीम पर मनाया जा रहा है। पूरे विश्व की जनसंख्या का लगभग 1 से 3% लोग विटिलिगो बीमारी से ग्रसित हैं। विटीलिगो एक प्रकार का ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र ही शरीर को रंग देने वाली कोशिकाओं (मेलानोसाइट्स) को नष्ट कर देता है, जिससे शरीर पर सफेद रंग के चकत्ते हो जाते हैं। समाज में फैली भ्रांति के विपरीत यह बिल्कुल भी संक्रामक नहीं है। वर्तमान में नवीनतम इम्यूनोमोड्यूलेटर्स दवाइयों, शल्य क्रियाओं एवं फोटोथेरेपी से इस रोग को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है ।
 
                                                                        
                                                                    