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मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित

मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित

संभावित बाढ़ की रेाकथाम के लिए पूर्व में ही कमर कस लें जिम्मेदार-अनिल अग्रवाल


धौलपुर । मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर जिला कलक्टर अनिल कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन जिला कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया। बैठक के दौरान उन्होनें अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि वर्षा ऋतु के दौरान अतिवृष्टि एवं संभावित बाढ की रोकथाम के लिए पूर्व से ही समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण कर लें। उन्होनें आपदा प्रबन्धन एवं वर्षा ऋतु के दौरान अतिवृष्टि एवं संभावित बाढ के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आपदा आने पर रोकथाम व बचाव के बारे में विभागवार जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अभी से आपदा प्रबंधन के सम्बन्ध में तैयारियां करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जावे कि सभी बांध, तालाब, एनीकट सही हालात में है। बांधों तालाबो, एनिकटो की भराव क्षमता एवं उनके केचमेन्ट एरिया उनके लाईन्ड एरिया के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी कर ली जावे, यदि किसी क्षेत्रा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो ऐसी स्थिति में कौन-कौन से गांव प्रभावित हो सकते है। उन गावों के नाम उनकी जनसंख्या चिन्हित कर ली जावें एवं उनकी सुरक्षा हेतु सुरक्षित स्थानो पर पहुॅचाने हेतु स्थल का निरीक्षण किया जावे। गांव स्तर पर संबंधित विभागों द्वारा बाढ़ बचाव हेतु किये जाने वाले कार्याे की समीक्षा कर सम्बंधित विभागों से समन्वय स्थापित करें। उन्होनें जल संसाधन विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ नियन्त्राण कक्ष की स्थापना की जावें तथा बाढ़ या अतिवृष्टि की संभावना में प्रत्येक तहसील के संकटग्रस्त एवं संवेदनशील क्षेत्रो का सामना करने के लिये कार्य योजना बनायी जावे। विभाग में उपलब्ध वायरलेस सेटो को कार्यशील रखें तथा नावों, रक्षा  पेटियो, रस्सो, टार्चाे की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। जिले की प्रत्येक तहसील में बाढ ़बचाव के उपलब्ध संसाधनो को चिन्हित कर सूची मय नाम पते सरकारी संगठनो की पहचान कर उनके पास उपलब्ध संसाधन एवं सामग्री सुनिश्चित कर आपदा की स्थिति में उनका उपयोग करने की व्यवस्था करेंगे। वर्षा काल में नदियो, नहरो, बांधो, तालाबो  आदि पर निरन्तर भ्रमण करते हुए आने वाले संकट के विषय में अग्रिम चेतावनी देने का कार्य सुनिश्चित करेंगे तथा वर्षा आने पर किसी बांध में दरार आने व टूटने की संभावना है तो उसे समय से पूर्व ही ठीक कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करे।
बाढ़ के समय आवश्यक उपकरण, जैसे रस्से, बल्लिया, टॉर्च, पेट्रोमेक्स, पम्पसेट, रबर ट्यूब, नावे तथा गोताखोर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जावे। उपलब्ध पम्पसेट सही हालत में हो और ईधन भरपूर रहे। उन्होनें नगर परिषद एवं नगर पालिका और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिये कि निचले क्षेत्रो से पानी निकालने हेतु पम्पसेटो की व्यवस्था सुनिश्चत की जावे तथा जहा ज्यादा बाढ़ आने की संभावना है वहां ज्यादा पम्पसेटो की व्यवस्था रखी जावें। पेयजल स्त्रोतो के क्लोरीफिकेशन की समुचित व्यवस्था की जावें ताकि दूषित पेयजल जनित बीमारिया फैलने की संभावना न हों। पाईप लाईन क्षतिगस्त होने की स्थिति में जलदाय विभाग तत्काल ठीक करेंगे तथा वैकल्पिक व्यवथा बनाये रख्ेांगे। विद्युत कटौती की अवस्था में पेयजल वितरण हेतु वैकल्पिक व्यवस्था तत्काल की जावें। उन्होने जिला रसद अधिकारी, अतिवृष्टि अथवा बाढ़ के समय पर्याप्त मात्रा में जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की व्यवस्था सुनिश्चत करेगें। जिले में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, लूब्रीकेटिंग ऑयल भी रिजर्व में रखवाया जावें। उन्होनें आयुक्त नगर परिषद को निर्देश देते हुए कहा कि शहर की नाले, नालियां, गटर आदि की सफाई व्यवस्था प्राथमिकता से करवा ली जावें। बाढ़ एवं अतिवृष्टि के एकत्रित पानी को निकालने के लिये पम्पसेटों का प्रबन्ध करना, मृत पशुओं, मलबा, कचरा आदि को हटाने एवं सुरक्षात्मक स्वास्थ्य उपाय, जैसे मलेरिया रोधी उपाय, कटे हुए फलों एवं सब्जियों को खुले में विक्रय पर प्रतिबंध आदि व्यवस्था सुनिश्चित की जावें। उन्होनें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि वर्षा, अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिंति में मौसमी बीमारी का प्रकोप होने की संभावना से निपटने के लिए जिले की समस्त रेफरल अस्पताल प्राथंमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों एवं पोस्ट केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाईयां एवं वर्षा से फैलने वाली बिमारियों के ईलाज हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध रखी जावे तथा दूषित जल से बचाव हेतु क्लोरीन की पर्याप्त व्यवस्था रखी जावे। उन्होने पुलिस विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि होमगार्ड एवं आरएसी की प्रशिक्षित व अन्य कम्पनियां तैयार रखी जावे। पर्याप्त मात्रा में तैराक एवं नावों की व्यवस्था तथा गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जावें। पर्याप्त जीवन रक्षक यंत्रों जैसे लाईफ जैकिट, रस्से, टार्च, संचार तंत्रा, कानून व्यवस्था इत्यादि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करे। बाढ़ में फंसे लोगो को बचाने का कार्य तत्काल किया जावें। आवश्यक बचाव उपकरणों की सूची तत्काल उपयोग की दृष्टि से तैयार रखें तथा आवश्यकतानुसार प्राथमिकता पर उपयोग में लेना सुनिश्चित करें। उन्होनें अधीक्षण अभियन्ता, जयपुर विद्युत वितरण निगम को वर्षा, अतिवृष्टि एवं बाढ़ के समय विद्युत लाईनों के क्षतिग्रस्त पावर लाईनों से तुरन्त विद्युत संबंध विच्छेद करने एवं मरम्मत हेतु आवश्यक सामग्री वाहन एवं विद्युत उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रखा जावें। जहां कही विद्युत लाईनों का सर्वे करवाकर दुरस्तीकरण का कार्य समय पर करवा लिया जावें। उन्होंने संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग को बाढ़, अतिवृष्टि के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिये पर्याप्त दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा जिला पशुपाालन अधिकारी जिले के समस्त पशु चिकित्सालयो पर आवश्यक वैकसीन एवं औषधियों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये पाबन्द करने के निर्देश दियेे। बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तौमर सीएमएचओ डॉ0 जयंती लाल मीणा, पीएमओ डॉ0 समरवीर सिंह, आयुक्त नगर परिषद किंगपाल सिंह, अधीक्षण अभियंता जल संसाधन डी के अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी हरिकृष्ण अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी, जेवीवीएनएल सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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