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आरएसएस अपने कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के उपायों पर करेगी चर्चा

आरएसएस अपने कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के उपायों पर करेगी चर्चा

समालखा.  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वार्षिक प्रतिनिधि सभा की बैठक में संगठन के सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के बारे में चर्चा की जायेगी। संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने रविवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन-दिवसीय बैठक रविवार को शुरू हुई, जिसमें पिछले एक वर्ष में संगठन के कामकाज की समीक्षा की जायेगी और आगे के एक साल के कामकाज का खाका तैयार किया जायेगा। वैद्य ने संवाददाताओं से कहा कि आरएसएस देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक प्रस्ताव पारित करेगी और इसमें आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जायेगा।
आरएसएस में महिलाओं की सहभागिता के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए संघ की एक समर्पित शाखा है, जिसे राष्ट्र सेविका समिति के नाम से जाना जाता है, जो महिलाओं के सर्वांगीण विकास को लेकर काम करती है। मनमोहन वैद्य ने कहा , ‘‘सामाजिक जागरूकता, जन जागरण और सामाजिक बदलाव से जुड़े कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के बारे में बैठक के दौरान चर्चा की जायेगी।’’ संघ के संगठनात्मक विस्तार का खाका प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अगले एक वर्ष में संघ का शताब्दी वर्ष शुरू होने के मद्देनजर हमने दैनिक शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख करने का लक्ष्य रखा है।’’
उन्होंने बताया कि अभी देशभर में संघ की 68,651 शाखाएं हैं जिनमें 60 प्रतिशत विद्यार्थी शाखा, 10 प्रतिशत प्रौढ़ शाखा और 30 प्रतिशत कामकाजी लोगों की शाखाएं हैं। वैद्य ने कहा कि वर्ष 2020 की तुलना में संघ की शाखाएं 3700 स्थानों पर बढ़ी हैं। संघ शिक्षा वर्ग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 109 शिक्षा वर्ग आयोजित होंगे। बीस दिनों के ऐसे वर्ग में युवा अपने काम से छुट्टी लेकर अपने खर्च पर शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इसमें 20 हजार युवा शामिल होंगे।’’ संघ के विस्तार के कार्य के संबंध में उन्होंने कहा कि शताब्दी विस्तारक कार्यक्रम के तहत अब तक 1300 विस्तारक शामिल हुए हैं और आने वाले समय में 1500 और विस्तारकों के शामिल होने की संभावना है।
‘ज्वायन आरएसएस’ का जिक्र करते हुए वैद्य ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 तक संघ की वेबसाइट के माध्यम से संगठन से जुड़ने के लिए 7.25 लाख, यानी प्रतिवर्ष औसतन 1.20 लाख आग्रह प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें 70 प्रतिशत युवा संघ के समाज सेवा कार्य से जुड़ना चाहते हैं। इससे पहले, संगठन ने ऐसे राजनीतिक नेताओं और प्रख्यात हस्तियों को श्रद्धांजलि दी, जिनका पिछले एक साल में निधन हुआ है। इस सूची में मुलायम सिंह यादव, शरद यादव और भूषण समेत 100 से अधिक नाम शामिल हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी और अभिनेता-फिल्म निर्माता सतीश कौशिक भी शामिल हैं।

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