
सात दिवसीय गुरु नानक जयंती समारोह शुरू
केकड़ी। बंजारा मोहल्ला स्थित सिंधी मंदिर में पुणे से आए हुए सुरेश महाराज के सानिध्य में पाठ साहब की स्थापना के साथ की सात दिवसीय गुरु नानक जयंती समारोह है शुरू हो गया। सिंधी भ्रात्री मंडल के मीडिया प्रभारी राम चंद टहलानी ने बताया कि सिंधी मंदिर में आज सुबह 10:00 बजे सुरेश महाराज के सानिध्य में पूज्य पाठ साहब जी की स्थापना की गई। जिसमें अब कल से रोजाना सुबह 5बजे से 7बजे तक एवम सांय 5बजे से 7बजे तक सत्संग होगा। इस दौरान हुए सत्संग में आपने फ़रमाया कि एक घड़ी का सत्संग भी इंसान को कई नुकसानों से बचाता है और भवसागर से भी पार लगा देता है एक प्रसंग में उन्होंने बताया कि एक महिला जो रोजाना सत्संग में जाती थी घर पर मेहमानों के आने से एक दिन नहीं जा पाई तो उसने अपने पति से कहा कि आज आप सत्संग में जाओ जो कि कभी सत्संग में नहीं जाते थे कहना मानकर वह सत्संग में गए तो वहां पर तीन शब्द ही सुन पाए आए हो,बैठ गए हो, जा रहे हो जब वापस घर पर आए पत्नी ने पूछा कैसा रहा सत्संग, बताता हूं कहकर वह अपने काम में लग गए रात को जब सोए तो नींद में बार-बार यही तीन शब्द बड़बड़ा रहे थे इसी दरमियान चोरों ने उनके घर पर दस्तक दी तो उसे समय उनके मुंह से निकला आ गए हो जब चोर बैठे तो उसने कहा बैठ गए हो तो चोरों ने समझा यह तो जाग रहा है और हमें पहचान जाएगा यह सोचकर वह वहां से जाने लगे तब तीसरा शब्द उन्होंने बोला जा रहे हो तो चोर तेजी से वहां से निकल गए। सुबह जब पता पड़ा की रात को घर पर चोर आए थे और आज मैं इन तीन शब्दों से कितने बड़े नुकसान से बच गया तो वह सोचने लगे कि केवल एक दिन सत्संग में गया उसे इतना बड़ा लाभ मिला अगर मैं अपने जीवन में सत्संग को स्थान दूं तो कितना फायदा होगा।
महाराज ने गुरु ग्रंथ साहब जी का पावन शब्द बोलते हुए कहा कि कर्म न जाना,धर्म न जाना, सार न जाना तेरी। सबसे बड़ा मेरा सतगुरु नानक जिन कुल राखी मेरी जिसके जीवन में गुरु होता है उसका रखवाला यह परमात्मा होता है। मानव जीवन में गुरु के साथ-साथ सत्संग का होना भी आवश्यक है उससे ही इंसान का लोक और परलोक सुहेला होता है। सत्संग में जय महाराज, साध संगत,सिंधी संरक्षक मंडल, सिन्धी भ्रात्री मंडल, सिंधी महिला मंडल, सिन्धी नवयुवक मंडल के कई सदस्य गण उपस्थित थे।