एमपी-यूपी और राजस्थान समेत 12 राज्यों में आज से शुरू हुआ एसआईआर
नई दिल्ली। बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची अपडेट करने का काम शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। इस दौरान 103 दिनों तक मतदाता सूची में नए नाम जोड़े जाएंगे और पुरानी प्रविष्टियों की गलतियां ठीक की जाएंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि सोमवार रात से ही इन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वोटर लिस्ट फ्रीज हो जाएगी। जिन राज्यों में यह प्रक्रिया चलेगी, उनमें शामिल हैं — अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
खास बात यह है कि अगले साल विधानसभा चुनाव वाले पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया शुरू होगी, जबकि असम को इससे बाहर रखा गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम अलग हैं, इसलिए वहां यह प्रक्रिया स्वतंत्र रूप से संचालित होगी।
बिहार की मतदाता सूची क्यों बनी अहम:
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इन 12 राज्यों में से किसी एक में अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराना चाहता है और बिहार की SIR प्रक्रिया के बाद की सूची का अंश प्रस्तुत करता है, जिसमें उसके माता-पिता के नाम दर्ज हैं, तो उसे नागरिकता का अतिरिक्त प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होगी — केवल जन्मतिथि का प्रमाण पर्याप्त होगा।
आधार को पहचान प्रमाण के रूप में मान्यता:
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के अतिरिक्त दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा, लेकिन इसे नागरिकता प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा।
इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर फिर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि “मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं।” राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए हैं।