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विपरीत परिस्थिति में हर कहानी के रंग फीके , गाढ़े होते हैं |हम चलते हैं ,गिरते हैं, कुछ लोग इसे चुनौती मानकर इस परिस्थिति का मुकाबला करते हैं| प्रतिकूल परिस्थिति में दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत होती है | नैतिक विज्ञान जिन्हें आप पढ़ते हैं |आवश्यकता है, उनसे प्रेरणा लेने की अल्बर्ट आइंस्टाइन की कहानी को दर्शा की शक्ति की सबसे बड़ी मिसाल है शेक्सपियर ने कहा- था हमारा "शरीर एक बगीचे की तरह है |दृढ़ इच्छाशक्ति उसके लिए एक माली का काम करती है |जो इस बगिया को सुंदर बनाती है और महक आने का काम करती है| बाधाओं के पत्थर को अपनी सफलता के किले की दीवारों में लगाने का काम करो" मनुष्य के मन में लक्ष्य प्राप्ति का दृढ़ निश्चय होना चाहिए "मैं यह कार्य अवश्य करूंगा"- यह संकल्प सफलता के लिए जरूरी है |जिसके मन में ऐसे निश्चय का अभाव होता है |वह सफलता का वरण कभी नहीं कर सकता अंत में इतना कहना चाहूंगी कि हर मनुष्य में क्षमता कौशल व गुण विद्यमान है| आवश्यकता है तो अपनी क्षमता को पहचानने की आत्मविश्वास की और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक अटूट निश्चय की इच्छा शक्ति एक ऐसी ऊर्जा है जो आपके बिखरे हुए अनियंत्रित अवयव को दिशा और सही अंदाज देती है तो तैयार हो जाओ हर चुनौती स्वीकार करो और कहो मंजिल देखने वालों के आगे हर मुश्किल है आसान अपनी हिम्मत को पहचानो जरूर मंजिल होगी आसान ।
अर्चना शर्मा
 
                                                                        
                                                                    