
सुमेरपुर : जनता की समस्याओं पर मुख्यमंत्री गंभीर:जनसेवक बेपरवाह
- सड़क निर्माण से पहले दोनों किनारे व पटरी की सफाई नहीं होने से राहगीर परेशान
- बबूल की टहनियों से अटी सड़क आमने-सामने गुजरते वाहनों से लोगों का पैदल चलना हुआ मुश्किल
- सड़क का निर्माण कार्य शुरू दोनों तरफ पटरी की नहीं की सफाई
सुमेरपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आमजन की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं,लेकिन विभागों के अधिकारी किसी भी तरह से संवेदनशील नहीं हैं। संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण समस्याओं का समाधान होना तो दूर,परंतु उनके सामने समस्या और बढ़ रही है। आमजन की एक समस्या का समाधान तो दूसरी समस्या उनके सामने खड़ी है। ऐसा ही एक मामला पाली जिले के सुमेरपुर पंचायत समिति के अधीनस्थ पोयणा ग्रामवासी भुगतने को मजबूर हैं। आपको बता दे की पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से स्वीकृत सड़क एक सप्ताह पहले पोयणा से जोयला जाने वाले मुख्य सड़क का डामर निर्माण कार्य शुरू होने से पहले सड़क के दोनों किनारे सफाई नहीं की गई है जिससे राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है। जबकि कोई भी सड़क बनाने से पहले सड़क के किनारों से लेकर पटरी की सफाई करना महत्वपूर्ण है,परंतु यहां सड़क के किनारे तो दूर है पटरी तक सफाई नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है की सफाई के नाम पर विभाग के अधिकारियों एवं ठेकेदार ने महज खानापूर्ति की है। उक्त सड़क की सफाई नहीं होने के कारण वाहन चालकों के साथ पैदल चलने वाले लोगों को आवागमन में मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की समस्या खत्म हो गई तो दूसरी समस्या हमारे सामने खड़ी हो गई है,सड़क किनारे एवं पटरी की सफाई नहीं हुई है। सड़क पर कई बबुल की झाड़ियों में मार्ग छिप गया है,तो कई टहनियां सड़क के बीच लटक रही है,इसके चलते राहगीरों सहित वाहन चालकों के सामने बहुत बड़ी दुविधा खड़ी हो गई है,और एक नई समस्या उत्पन्न हो गई है। हालांकि अभी सड़क का निर्माण बारिश के कारण कुछ ही हिस्सा अधूरा है,लेकिन सड़क बनाने से पहले सफाई होना अति आवश्यक हैं। सफाई नहीं होने के कारण सड़क के साथ पटरी पर चलना नामुमकिन हो गया है। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश भी हैं। विभाग एवं ठेकेदार की लापरवाही जनता भुगत रही है। इधर सफाई नहीं होने के कारण सड़क सकरा हो गया है जिससे आवागमन में आम जनता के सामने बहुत बड़ी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। जबकि सड़क शुरू होते ही पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंच कर मनिटरिंग करते दिखाई दिए, लेकिन बड़े मजे की बात है वाहन गुजरते समय सड़क के बीचो-बीच लटकती टहनियां एवं बाबुल की झड़ियां व सड़क पटरी तक दिखाई नहीं दी। इससे प्रतीत होता है कि सार्वजनिक विभाग के अधिकारी ठेकेदार पर मेहरबान।
दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले मुख्य सड़क पर भरा तालाब- इधर इस सड़क पर जोयला के पास मोड पर बहुत गहरा गड्ढा हो गया है जिससे जलभराव जैसी स्थिति बन गई है। इधर मोटरसाइकिल से एवं पैदल निकलना दुराचार हो गया है। मुख्य सड़क मार्ग की हकीकत तो यह है कि जलभराव से तालाब सा बन गया है। जहां ज्यादा बारिश में वाहन चालक बड़ी मुश्किल से आवागमन करते हैं। सड़क के बीच जलभराव होने से मोटरसाइकिल से निकलना सो कोसों दूर है, लेकिन रहागीरों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। इस रोड की ऊंचाई नहीं होने के कारण हमेशा यहां जलभराव होता है। उक्त रोड पर डामर करने से पहले सड़क को ऊपर उठाना आवश्यक है,वरना पानी भरने से कुछ ही दिनों में सड़क टूटने की संभावना बनी रहती हैं।
मॉनिटरिंग के दौरान अफसरो को नहीं दिखाई सफाई- गौरतलब है कि पोयणा से जोयला सड़क निर्माण कार्य शुरू होने से पहले सफाई करना भूल गया सार्वजनिक विभाग और ठेकेदार। इधर ग्रामीणों का कहना है कि सफाई के नाम पर ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों ने सिर्फ खाना पूर्ति की है। सड़क किनारे पटरी पर बिल्कुल जगह नहीं है जिससे आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क किनारे बड़ी-बड़ी झाड़ियां एवं उनकी टहनियां सड़क के बीचों बीच लटक रही है,तो हवा एवं बारिश से टूटी,झुकी टहनियां हादसे को न्यौता दे रही है। निर्माण कार्य से पहले सड़क की सफाई नहीं होना विभाग के अफसर एवं ठेकेदार पर कोई सवाल उठ रहे हैं। इसको पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही नहीं तो क्या कहे,,? सड़क का नर्माण शुरू होते ही,कार्य की गुणवत्ता जांच, तथा किसी भी प्रकार की कोठी लापरवाही नहीं बरते के साथ अन्य ववस्थाओं की मॉनिटरिंग के लिए सार्वजनिक विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाती है,परंतु इस दरमियान आंखों पर पट्टी बांधकर चल पड़ते हैं। हालांकि इस रास्ते से दर्जनों गांवो के लोग आवागमन करते हैं,वे सभी लोग ग्रामीणों के साथ विभाग और ठेकेदार की लापरवाही को भुगतने को मजबूर हैं।