
सरकारी कंपनी के साथ टाटा समूह की डील... सेमीकंडक्टर में नए अवसर
नई दिल्ली। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने एक समझौता ज्ञापन पर साइन किया है। दोनों ही कंपनियों ने सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में भारत की आत्मनिर्भरता को आगे ले जाने के लिए काम करने की दिशा में कदम उठाया है। यह समझौता भारत में ही समाधान विकसित करने की सरकार की नीति के अनुसार है और दोनों कंपनियों के लिए एक बड़ा कदम है। समझौता ज्ञापन पर 5 जून को मुंबई में टाटा समूह के मुख्यालय में हस्ताक्षर किए गए। बीईएल के चेयरमैन मनोज जैन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ डॉ. रणधीर ठाकुर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। सरकारी कंपनी बीईएल और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के बीच साझेदारी से सेमीकंडक्टर निर्माण, असेंबली, टेस्टिंग और डिजाइन सेवाओं में नए अवसरों की तलाश की जाएगी। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसी तकनीक और समाधान प्रदान करेगा जो बीईएल की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करेंगे। इनमें माइक्रोकंट्रोलर, चिप्स और माइक्रोवेव सर्किट जैसी महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं। दोनों कंपनियों का उद्देश्य अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करके सर्वोत्तम विनिर्माण समाधान बनाना है। यह नई साझेदारी भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों कंपनियां स्वदेशी तकनीक विकसित करके घरेलू बाजार में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही हैं। यह डील उद्योग में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दिखाती है, जिससे आर्थिक और तकनीकी विकास होगा। बीईएल के शेयरों में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि, इसका मतलब यह भी है कि शेयर थोड़ा महंगा हो सकता है।