गणगौर पर्व की रौनक
सूरजगढ़। राजस्थान के पारंपरिक पर्व गणगौर की धूम सूरजगढ़ क्षेत्र में सुनाई दे रही है। गौर ए गणगौर माता खोल किवाड़ी के मधुर गीतों की आवाज कस्बे की गली मोहल्लो में सुनाई दे रही है। जानकारी के अनुसार गणगौर पर्व राजस्थानी संस्कृति का प्रतिक और पारंरिक त्योंहार है। गणगौर पर्व भगवान शिव और माँ गौरा के प्रेम का प्रतिक त्योंहार है। अपने सुहाग भाग की रक्षा के लिए नवविवाहिताएं ये पर्व मनाती है। होली के अगले दिन यानि धुलंडी के दिन से इस त्योंहार की पूजा शुरू हो जाती है। शुरूआती दिनों में होली के अवशेष के 16 पिंड बनाकर उनकी पूजा होती है। उसके बाद शीतलाष्टमी को मिटटी से ईशर गणगौर की प्रतिमाओं को बनाया जाता है। फिर उसके बाद उन प्रतिमाओं की पूजा होती है। गणगौर पर्व के दिन प्रतिमाओं का विसर्जन होने के बाद ये पर्व समाप्त हो जाता है। इस वर्ष 24 मार्च को गणगौर पर्व मनाया जायेगा।