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बीसलपुर बांध के प्रथम विस्थापित ग्रामीणों को नहीं मिला न्याय

बीसलपुर बांध के प्रथम विस्थापित ग्रामीणों को नहीं मिला न्याय


टोंक (हुक्मनामा समाचार)। बीसलपुर ग्राम पंचायत का बीसलपुर गांव पहला विस्थापित गांव है, बीसलपुर प्रोजेक्ट का काम आरम्भ करने से पहले जिस गांव को हटाया उसे न्याय नहीं मिलने के कारण किसान महापंचायत लोकसभा प्रभारी भरतराज मीना, टोंक उपाध्यक्ष सीताराम खादवाल, टोंक अध्यक्ष सीताराम मीना ने गांवों वासियों के छप्पर में ही रात्रि विश्राम किया, जब उनकी समस्याओं को विस्तारपूर्वक समझा, जिसमें जानकारी प्राप्त हुई कि तात्कालिक अधीक्षण अभियंता बिसलपुर अवाप्ति द्वारा मजदूरों के लिए बनी क्वार्टर में रहने के लिए स्थान उपलब्ध कराया गया था, जहा अधीक्षण अभियंता बिसलपुर अवाप्ति की बात पर विश्वास कर रहने लगे, परन्तु बीसलपुर गांव के बासीदें को 40 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी बसाने की व्यवस्था नहीं की गई है। उल्टे अब पुनर्वास कलक्टर बीसलपुर द्वारा एक नोटिस के माध्यम से क्वार्टर खाली कराने का काम किया जा रहां हैं। विस्थापित परिवार जनों ने बताया कि हमारे यहां राशनकार्ड, भामाशाह, वोटर आईडी तक बने हुये हैं। ऐसे में इन भूमिहिन लोगो को उझाडने के बजाये प्रशासन को चाहिये कि इनके पुर्नवास की व्यवस्था की जाये। उन्होने बताया कि यहा करीब सौ व्यक्ति निवास कर रहें हैं। महावीर सैनी का कहना है कि उसे टाइम मुआवजा के तौर पर बरानी 6 हजार प्रति बीघा और चाही 9 हजार प्रति बीघा के दर से मुआवजा दिया गया, वह भी तीन चरणों में उससे ना तो जमीन खरीद पाए ना घर बना पाए, एक साथ अगर राशि हमें दी जाती तो हम कहीं रहने का जुगाड़ कर लेते और जबकि अन्य गांवों को उन्हीं के गांवों के ही पास में चारागाह आबादी भूमि सवाई चक भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि 10 फरवरी को विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आगे के आन्दोलन की रणनीति बनाई जायेंगी।

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