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आखिरी कुश्ती एक लाख की निर्णायक हो,  विश्वेन्द्र सिंह

आखिरी कुश्ती एक लाख की निर्णायक हो,  विश्वेन्द्र सिंह

 भुसावर .  मेले हमारे भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं इनसे आपसी समन्वय के साथ  भाईचारा एवं एक दूसरे को वहां के रहन-सहन की एवं अन्य प्रकार की जानकारियां एक दूसरे को मिलती हैं जिससे उस क्षेत्र के लोगों के प्रभाव का पता चलता है हिंदुस्तान में कुश्ती का प्रचलन आदि काल से चला आ रहा है भरतपुर रियासत की कुश्ती संपूर्ण विश्व में  ख्याति प्राप्त है !  आखिरी कुश्ती एक लाख रूपये की  निर्णायक हो जिससे एक नया संदेश आमजन तक पहुंचे, यह कहना है राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं भरतपुर रियासत के उत्तराधिकारी महाराज विश्वेंद्र सिंह का सिंह पटना में आयोजित विशाल कुश्ती दंगल मेले के आयोजन अवसर पर अपना उद्बोधन दे रहे थे कार्यक्रम में सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री भजन लाल जाटव भरतपुर सांसद रंजीता कोली भरतपुर जिला प्रमुख जगत सिंह सहित अनेक लोगों ने हिस्सा लिया गांव के ही पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नन्नू मल पहाड़िया द्वारा मेला कमेटी को 41 हजार रुपए कुश्ती दंगल हेतु सहयोगार्थ प्रदान किए!
 नेकराम सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि  दो दिवसीय मेले के प्रथम दिन खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया ,जिसमें कबड्डी दौड़ एवं अन्य प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया 11 अप्रैल 2023 मंगलवार कोज्विञशाल कुश्ती दंगल का शुभारंभ छोटे छोटे बच्चों की कुश्ती करवाते हुए किया गया। जिसके बाद धीरे धीरे बडे पहलवानों की विभिन्न विशाल कुश्तियां करवायी गईं। विशाल कुश्ती दंगल में स्थानीय एवं दूर दराज के जाने माने पहनवानों ने पहुॅचकर दमखम आजमाया और प्रतिद्वन्द्वी पहलवानों को धूल चटाई। कुश्ती दंगल में पहुॅचे अतिथियों का माला, साफा पहनाकर प्रतीक चिंह देते हुए सम्मान किया गया। जहां अतिथियों ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति हैं। खेलों से हमारा मानसिक एवं शारीरिक विकास होता है। गॉव पथैना में आयोजित हुए विशाल कुश्ती दंगल एवं मेले में सुरक्षा एवं कानून व्यवस्थाओं की दृष्टि से पुलिस व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबन्द रही।

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