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नयी दिल्ली । सरकार ने हाल ही में निर्यात शुल्क हटाए जाने के बाद खुदरा कीमतों में आए उछाल के मद्देनजर थोक बाजारों में ‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाकर प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के थोक बाजारों में अपने ‘बफर स्टॉक’ (भंडार) से प्याज निकालना शुरू कर दिया है। सरकार की योजना पूरे देश में सब्सिडी वाले प्याज की खुदरा बिक्री की है। खरे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ निर्यात शुल्क हटाने के बाद हमें कीमतों में उछाल का अनुमान था। हमारे 4.7 लाख टन के ‘बफर स्टॉक’ और खरीफ की बुवाई के बढ़े हुए रकबे के साथ हमें उम्मीद है कि प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।’’
सरकार समूचे भारत में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री बढ़ाने की योजना बना रही है। इनमें उन शहरों पर ध्यान अधिक दिया जा रहा है जहां कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मुंबई तथा चेन्नई में कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
सरकार दिल्ली और अन्य राज्यों की राजधानियों में मोबाइल वैन और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) की दुकानों के जरिये पांच सितंबर से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेच रही है। खरे को आगामी खरीफ प्याज की फसल से काफी उम्मीदें हैं। इसके लिए उन्होंने पिछले साल की तुलना में काफी अधिक रकबे का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ आवक अगले महीने शुरू होगी और हमें उत्पादन संबंधी कोई चिंता नहीं दिखती। ’’ सचिव ने अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भी बात की।
 
                                                                        
                                                                    