 
                        
        बांग्लादेश में पठान को लेकर जबरदस्त क्रेज, थिएटर्स में नाचती दिखी ऑडियंस
शाहरुख खान की फिल्म पठान बांग्लादेश में भी धमाल मचा रही है। वहां पर फिल्म 48 स्क्रीन पर रिलीज हुई है। हर रोज 200 शोज चल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 मई को रिलीज इस फिल्म के पहले दो दिनों के शोज हाउसफुल हैं। लोग इस फिल्म को थिएटर्स में काफी ज्यादा एंजॉय कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिसमें लोग थिएटर्स में फिल्म के गानों पर डांस कर रहे हैं। जाहिर है कि बांग्लादेश में पहली बार कोई हिंदी फिल्म बड़े पैमाने पर रिलीज हुई है। जानकारी के मुताबिक फिल्म ने पहले दिन 50 लाख रुपए का कलेक्शन किया है।
चार से पांच करोड़ का लाइफटाइम कलेक्शन कर सकती है फिल्म
सोशल मीडिया पर कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं जिसमें लोग बांग्लादेश की राजधानी ढाका की सड़कों पर पठान का पोस्टर लिए दिखाई दे रहे हैं। बांग्लादेश में मूवी थिएटर्स की संख्या काफी कम है। इसके बावजूद अनुमान है कि फिल्म वहां चार से पांच करोड़ का लाइफटाइम कलेक्शन कर लेगी। अभी पठान का टोटल ओवरसीज कलेक्शन 397 करोड़ है। अगर फिल्म वहां चार-पांच करोड़ का कलेक्शन करती है तो टोटल ओवरसीज कलेक्शन 400 करोड़ रुपए हो जाएगा।
बांग्लादेश में खस्ताहाल है थिएटर्स की हालत
बांग्लादेश की सरकार ने आजादी के बाद ही ये फैसला किया कि वो कोई भी विदेशी फिल्म अपने देश में नहीं चलने नहीं देंगे। सरकार के फैसले का पीछे ये तर्क था कि इस फैसले से वहां की लोकल फिल्मों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि ये फैसला उल्टा पड़ गया। वहां पर ऐसी फिल्में बनती ही नहीं हैं जो ऑडियंस को एंटरटेन कर पाए। वहां अधिकतर सिनेमाहॉल मालिक अपने थिएटर को शापिंग सेंटर या अपार्टमेंट में तब्दील कर चुके हैं। मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक,बांग्लादेश में पिछले 20 सालों में 1000 से ज्यादा थिएटर्स पर ताला लगा है।
नियमों में बदलाव कर फिल्म को किया गया रिलीज
बांग्लादेश की सरकार ने अब फैसला किया है कि अब से हर साल 10 विदेशी फिल्मों को कमर्शियली रिलीज किया जाएगा। पठान के पहले 2009 में सलमान खान की फिल्म वांटेड भी बांग्लादेश में रिलीज हुई थी। उस वक्त बांग्लादेश की सरकार ने नियम में कुछ ढील दी थी। हालांकि एक लोकल सिनेमा संगठन ने फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध कर दिया। तब वांटेड को उन 50 थिएटर्स से हटा लिया गया, जिनमें वो एक हफ्ते से चल रही थी।
बांग्लादेश में भी शाहरुख की तगड़ी फैन फॉलोइंग
थिएटर्स में लोग झूमे जो पठान और बेशरम रंग जैसे गानों पर नाच रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि शाहरुख और उनकी फिल्म के लिए बांग्लादेश के लोगों में क्या दीवानगी है। यशराज फिल्म्स से जुड़े एक आर्टिस्ट नेल्सन डिसूजा ने कहा, 'पठान को बांग्लादेश में रिलीज करने के लिए हम वहां की अथॉरिटी के शुक्रगुजार हैं। बांग्लादेश में शाहरुख खान कि बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है और हम चाहते हैं कि हम ऑडियंस तक फिल्म को लेकर आएं। फिल्म बांग्लादेश में हमारे देश के कल्चर और सिनेमा को भी रिप्रेजेंट करेगी।'
बांग्लादेश के बनने के पीछे की कहानी समझिए
1971 के पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का ही हिस्सा था। इसे पूर्वी पाकिस्तान के तौर पर जाना जाता था। यहां बांग्ला भाषी लोगों की संख्या सबसे ज्यादा थी। हालांकि पाकिस्तान की सरकार हमेशा से पश्चिम से ऑपरेट होती थी। पाकिस्तान ने अपनी राजभाषा भी उर्दू को बना दिया था। पूर्वी पाकिस्तान के लोगों का कहना था कि उनके साथ सरकार सौतेला व्यवहार करती आ रही है। वहां के लोग 1970 के समय अलग देश बनाने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए थे। 26 मार्च 1971 को बांग्लादेश की मांग करने वाले नेता मुजीब उर रहमान ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया। इसके बाद झल्लाई पाकिस्तान की सेना ने उनके साथ बहुत अत्याचार किया। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान सरकार का इस मामले में काफी विरोध किया। नतीजतन भारत-पाक युद्ध शुरू हो गया। इसके करीब 9 महीने बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना भारत के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हो गई। 16 दिसंबर को बांग्लादेश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी के बाद बांग्लादेश हमेशा के लिए एक अलग देश बन गया।
 
                                                                        
                                                                    