मसाला फसलों पर दो दिवसीय जिला स्तरीय सेमीनार आयोजित
कोटा । यांत्रिक कृषि फार्म उममेदगंज में सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय कालीकट केरल द्वारा प्रायोजित ‘‘राजस्थान के हाडौती क्षेत्र में सतत् आजीविका के लिए मसाला फसलों की उन्नत प्रौद्योगिकी एवं विपणन रणनीतियां’’ विषय पर दो दिवसीय सेमीनार का शुभारम्भ शुक्रवार को कुलपति कृषि विश्वविद्यालय डॉ. अभय कुमार व्यास ने किया। जिसमें 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कुलपति कृषि विश्वविद्यालय ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मसालों के महत्व गुणवतायुक्त मसालों की मांग विश्व स्तर पर रही है। उन्होंने मसाला फसलों की कम उत्पादकता की समस्या के समाधान के लिए सुझाव दिया। उन्होंने मसाला फसलों में गुणवतायुक्त उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए समग्र अनुसंधान तकनीकी में उन्नत शस्य तकनीकी, उन्नत किस्में ंऔर पौध संरक्षण का समावेश को अपनाने पर जोर दिया।
संयुक्त निदेशक कृषि खेमराज शर्मा ने हाडौती संभाग में मसाला फसलों की संभावनाओं एवं समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मसाला फसलों की प्रसंस्करण एवं गुणवत्ता बढ़ाने की जानकारी दी। निदेशक अनुसंधान कृषि विश्वविद्यालय डॉ. प्रताप सिंह ने मसाला फसलों की नई उन्नत किस्मों को विकसित करने के साथ-साथ विश्व व्यापार संगठन के मानकों के अनुरूप गुणवत्ता नियंत्रण पर जोर दिया। जिससें मसाला फसलों का विश्व व्यापार निर्यात बढ़ाया जा सके। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय हिण्डौली डॉ. एनएल मीणा ने कीट नियंत्रण से सम्बंधित चर्चा की। इस अवसर पर डॉ. भूरी सिंह एवं डॉ. राजेश कुमार ने तैयार धनियां व मैंथी की उत्पादन तकनीकी के फोल्डरों का भी विमोचन किया।
कुलपति कृषि विश्वविद्यालय ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मसालों के महत्व गुणवतायुक्त मसालों की मांग विश्व स्तर पर रही है। उन्होंने मसाला फसलों की कम उत्पादकता की समस्या के समाधान के लिए सुझाव दिया। उन्होंने मसाला फसलों में गुणवतायुक्त उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए समग्र अनुसंधान तकनीकी में उन्नत शस्य तकनीकी, उन्नत किस्में ंऔर पौध संरक्षण का समावेश को अपनाने पर जोर दिया।
संयुक्त निदेशक कृषि खेमराज शर्मा ने हाडौती संभाग में मसाला फसलों की संभावनाओं एवं समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मसाला फसलों की प्रसंस्करण एवं गुणवत्ता बढ़ाने की जानकारी दी। निदेशक अनुसंधान कृषि विश्वविद्यालय डॉ. प्रताप सिंह ने मसाला फसलों की नई उन्नत किस्मों को विकसित करने के साथ-साथ विश्व व्यापार संगठन के मानकों के अनुरूप गुणवत्ता नियंत्रण पर जोर दिया। जिससें मसाला फसलों का विश्व व्यापार निर्यात बढ़ाया जा सके। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय हिण्डौली डॉ. एनएल मीणा ने कीट नियंत्रण से सम्बंधित चर्चा की। इस अवसर पर डॉ. भूरी सिंह एवं डॉ. राजेश कुमार ने तैयार धनियां व मैंथी की उत्पादन तकनीकी के फोल्डरों का भी विमोचन किया।