उद्धव बोले- शाह ने CM पद देने का वादा तोड़ा
कहा- बात रखी होती तो BJP को दूसरों का बोझ नहीं उठाना पड़ता
मुंबई . शिवसेना में फूट पड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अब मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने आज से महाराष्ट्र का दौरा शुरू किया। राज्य का दौरा शुरू करते हुए उन्होंने पोहरादेवी मंदिर में दर्शन किए।
यहां उद्धव ने कहा- मैं पोहरादेवी की कसम खाता हूं, अमित शाह ने मुझे ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया और हमें गठबंधन से बाहर कर दिया। अगर भाजपा ने अपनी बात रखी होती तो आज बीजेपी कार्यकर्ताओं को दूसरों का बोझ नहीं उठाना पड़ता।
उन्होंने कहा कि बहुत दिनों बाद संतों और मां जगदंबा के दर्शन करने आया हूं। आज मेरी कोई पार्टी नहीं है, लेकिन आपके प्यार से अभिभूत हूं। आपसे अनुरोध है कि अगली लड़ाई मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ें।
पोहरादेवी मंदिर में दर्शन करने से पहले उद्धव ठाकरे ने यवतमाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कई दिनों से यहां आना चाहता था, लेकिन संयोग नहीं बन सका।
अजित पवार की बगावत के पर क्या कहा
पहले पार्टियां टूटती थीं, लेकिन अब पार्टियां भाग रही हैं। हालांकि, महाराष्ट्र के लोग मेरी बात से सहमत नहीं होंगे। वहीं, शिवसेना में बगावत के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने फिर दोहराया वो फसल ले गए, लेकिन खेत अभी भी हमारे पास है।
शिंदे गुट का ढोंग बेनकाब हुआ
एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा- जो फसल उन्होंने चुराई है वह गारंटी मूल्य पर मिलती है या नहीं। शिंदे गुट कह रहा था कि उन्हें हमारे एनसीपी के साथ गंठबंधन करने से परेशानी है। हालांकि, अब शिंदे गुट वाली शिवसेना उन्हीं एनसीपी नेताओं के साथ सरकार में है। इससे शिंदे गुट का ढोंग बेनकाब हो गया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कई लोगों में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है। राज्य में जो पार्टियों में हो रहा है उससे आम लोगों को क्या मिलेगा? किसानों को क्या मिलेगा? किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं, क्या आप इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाएंगे या नहीं?
उद्धव बोले- छगन भुजबल ने आरोप लगाया है कि शरद पवार ने शिवसेना को बीजेपी से दूर कर दिया। अजित पवार भी यही दावा कर रहे हैं कि शरद पवार 2014, 2017, 2019 में बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर चर्चा कर रहे थे। बीजेपी ने हमसे किया वादा नहीं निभाया और बाद में बीजेपी ने शिवसेना को तोड़ने का काम किया। इसे दोस्ती का रिश्ता नहीं कहा जा सकता।
पार्टी में बगावत के बाद कई लोग मुझसे कह रहे हैं कि उद्धव जी हम आपके साथ हैं। अब मैं महाराष्ट्र के दौरे पर हूं और यह समझना चाहता हूं कि यहां के लोग क्या चाहते हैं।
सोमवार को उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम
सुबह 11 बजे अमरावती जिले के प्रमुख अधिकारियों से बातचीत करेंगे।
सुबह 11.30 बजे अकोला जिले के प्रमुख पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे।
दोपहर 1 बजे अमरावती और अकोला जिलों में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।
शाम 6 बजे नागपुर जिले में कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे।
उधर, शनिवार को महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अयोग्यता के मुद्दे पर अपना जवाब देने के लिए शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों को नोटिस जारी किया। राहुल ने बताया कि शिंदे गुट के 40 और उद्धव गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है। विधायकों से उनके खिलाफ दाखिल अयोग्यता की याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है।
शिंदे ने नीलम गोरे को शिवसेना नेता बनाया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नीलम गोरे को शिवसेना का नेता नियुक्त कर दिया। पार्टी के अध्यक्ष के बाद सबसे सीनियर नेता को यह पद दिया जाता है। उद्धव ठाकरे गुट की नेता नीलम गोरे शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गई थीं।