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यूनेस्को ने लखनऊ की पाककला को अपनी क्रिएटिव सिटीज में शामिल किया : शेखावत

यूनेस्को ने लखनऊ की पाककला को अपनी क्रिएटिव सिटीज में शामिल किया : शेखावत

काशी से शुरू हुआ भारत का सांस्कृतिक नेतृत्व अब बन रहा वैश्विक एजेंडा

जोधपुर। यूनेस्को ने अपनी क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क 2025 की सूची में लखनऊ की पाककला को गैस्ट्रोनॉमी श्रेणी में शामिल किया है। लखनवी व्यंजन अब विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अपनी जगह बनाएंगे। भोजन आधारित पर्यटन बढ़ेगा, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था और जीडीपी में सकारात्मक असर पड़ेगा। लखनवी भोजन, उसकी पारंपरिक पाककला, स्थानीय मसालों और सामग्री के उपयोग ने उसे वैश्विक पहचान दिलाई है।केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शनिवार को यहां जोधपुर में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने संस्कृति को वैश्विक विकास एजेंडे में एक स्वतंत्र विकास लक्ष्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में विश्व नेतृत्व का परिचय दिया है। काशी में आयोजित संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन में लिए गए निर्णय आज अंतरराष्ट्रीय नीतियों का हिस्सा बनते जा रहे हैं। शेखावत ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान संस्कृति को सतत विकास के लक्ष्यों के बाद आने वाले नए डेवलपमेंट गोल्स में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया था। यह विचार सबसे पहले सऊदी अरब की अध्यक्षता के दौरान प्रतिपादित हुआ था और भारत ने उसे ठोस रूप दिया। शेखावत ने कहा कि भारत की अध्यक्षता के बाद ब्राजील ने भी इस विचार को आगे बढ़ाया। इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हुए संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन में भी सभी देशों ने एक स्वर से इसे स्वीकार किया। आने वाले समय में जब वैश्विक स्तर पर नए विकास लक्ष्य तय किए जाएंगे तो ‘संस्कृति’ को एक स्वतंत्र विकास लक्ष्य के रूप में मान्यता मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्व तेजी से बदल रहा है। तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाइमेट चेंज के चलते कई नई चुनौतियां सामने आई हैं। इन परिस्थितियों में यह और भी आवश्यक हो गया है कि संस्कृति और पारंपरिक कलाओं की रक्षा के लिए ठोस वैश्विक नीतियां बनें। उन्होंने कहा कि भारत ने यह पहल की कि दुनिया यह समझे कि संस्कृति केवल विरासत नहीं, बल्कि सतत विकास का साधन है। जिस समाज की सांस्कृतिक जड़ें मजबूत हैं, वही समाज तकनीकी बदलावों के बीच संतुलन बनाए रख सकता है। शेखावत ने बताया कि यूनेस्को द्वारा इस वर्ष महाराष्ट्र के मराठा मिलिट्री लैंडस्केप, अर्थात छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके वंशजों द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किलों के समूह को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इन किलों का ऐतिहासिक, स्थापत्य और सांस्कृतिक महत्व अपार है। इनके शामिल होने से अब भारत में कुल 43 वर्ल्ड हेरिटेज प्रॉपर्टीज पंजीकृत हो चुकी हैं, जो हमारी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रमाण हैं। 10 शहर अब यूनेस्को के क्रिएटिव नेटवर्क में : शेखावत ने बताया कि अब भारत के कुल 10 शहर यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क का हिस्सा बन गए हैं। इनमें जयपुर (हस्तशिल्प और लोक कला), वाराणसी (संगीत परंपरा), चेन्नई (संगीत), मुंबई (फिल्म उद्योग), हैदराबाद ( पाककला-बिरयानी), श्रीनगर (हस्तशिल्प) कोजीकोड, केरल (साहित्य), ग्वालियर (संगीत) और अब लखनऊ पाककला में शामिल हुआ है। यह उपलब्धि भारत की "विविधता में एकता" की सांस्कृतिक भावना को वैश्विक पहचान दिलाने वाली है। उन्होंने कहा कि मैं इस खुशी को देशवासियों के साथ और विशेष रूप से लखनऊवासियों के साथ में साझा करते हुए प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भी बधाई देता हूं। छठ पूजा के लिए भेजा प्रस्ताव : शेखावत ने बताया कि भारत ने इस वर्ष यूनेस्को के समक्ष छठ पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। यह भारत की लोक-आस्था, पर्यावरणीय संतुलन और सामुदायिक संस्कृति का प्रतीक है। शेखावत ने कहा कि भारत अब केवल अपनी संस्कृति का रक्षक नहीं, बल्कि उसे विकास के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने वाला देश बन चुका है। काशी कल्चर पाथवे से लेकर लखनवी पाकशैली तक, भारत यह साबित कर रहा है कि संस्कृति केवल अतीत नहीं, बल्कि भविष्य की प्रेरणा भी है। राष्ट्रविरोधियों को कहीं भी छिपने नहीं दिया जाएगा : एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की कई जिलों में छापेमारी और 4 जिलों से 5 संदिग्ध आतंकवादियों के पकड़े जाने पर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश की आंतरिक और सीमाई सुरक्षा के प्रति जीरो टॉलेरेंस की नीति पर काम कर रही है। शेखावत ने कहा कि जो भी व्यक्ति या समूह देश की सुरक्षा के साथ छेड़छाड़ करेगा, उसे कहीं भी छिपने नहीं दिया जाएगा। उसे खोजकर कानून के सामने लाया जाएगा और उसके अपराध की सजा अवश्य होगी। उन्होंने कहा कि हाल में उजागर किए गए नेटवर्क्स को पकडऩे में लगे सभी अधिकारियों ने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपनी निष्ठा सिद्ध की है, और वे बधाई के पात्र हैं।

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