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बयाना।  आजादी के अमृत महोत्सव पर सेवर में स्थित सरसों अनुसंधान केन्द्र द्वारा शुक्रवार को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने के साथ लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया की किस प्रकार से मधुमक्खी फसल के लिए लाभदायक है।इस अवसर पर डॉ पी के राय ने जानकारी देते हुए बताया कि मधुमक्खी पालन से करीब 35 प्रतिशत फसल को फायदा होता है फसलों के परागण में पालतू और जंगली मधुमक्खियों की बड़ी भूमिका होती है ।मधुमक्खीयां एक फूल से दूसरे फूल तक परागण फल और अनाज बनने में सहायता करती हैं इस कारण खाद्य सुरक्षा में मधुमक्खियों का अद्वितीय योगदान है।लेकिन बढ़ते कृषि रसायन व शहरीकरण के कारण इन कीटो के भोजन तथा आवास में कमी आई है।इस कारण हर वर्ष बीस मई को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है।अनेक स्थानों से आए विशेषज्ञों ने अपने उद्बोधन में कहा कि मधुमक्खी पालन से न केवल फसल में वृद्धि होती है बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ती है।इस मौके संस्थान के वैज्ञानिकों ,कर्मचारियों सहित अन्य स्थानों से पधारे श्रोताओं ने भी भाग लिया।मंच का संचालन डॉ प्रशांत यादव ने किया।
 
                                                                        
                                                                    