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उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत साईवाड़ में आजादी के 2 वर्षों बाद से ही संगीतमय अखंड रामध्वनि का आयोजन किया जा रहा है। सर्व प्रथम वर्ष 1949 में लाली निवासी मास्टर श्रवण लाल के मार्गदर्शन में स्थानीय लोगों द्वारा शारदीय नवरात्रा में साईवाड बस स्टैंड स्थित बालाजी मंदिर में अखंड रामध्वनी का शुभारम्भ किया गया था। जिसमे ग्रामीणों के आर्थिक सहयोग से संगीतज्ञो को भी बुलाया जाने लगा। इस वर्ष ऐतिहासिक यात्रा ने अपने 75 वर्ष पूर्ण कर लिए है। पिछले लगभग 30 वर्षों से दूरदर्शन-आकाशवाणी के प्रसिद्ध राजस्थानी मांड-गायक रेनवाल-मांझी निवासी बाबूलाल भाट एवं उनके पुत्र चंदन भाट द्वारा संगीतमय राम-नाम का पाठ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का उनके प्रति स्नेह अनेक व्यस्तताओं के बावजूद भी हर साल उन्हें साईवाड़ खींच लाता है। ग्रामवासी कैलाश शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्रा में 9 दिन तक दिन-रात चलने वाले इस राम-नाम के महायज्ञ में ग्रामीण तन-मन-धन से भाग ले रहे हैं। तथा “सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया:” की कामना रखते हुए ईश्वर की आराधना कर रहें है।
 
                                                                        
                                                                    