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कोटा। किसी शहर को स्वच्छ बनाये रखने के लिये वहां के शहरवासियों में भी जागरूकता पैदा करना जरूरी है। यदि जनता स्वयं अपने मोहल्लों या सडकों पर गंदगी नहीं फैलायेगी तो शहर स्वतः साफ-सुथरा दिखाई देने लगेगा। पिछले तीन दिन से शहर के मुख्य मार्गों पर अपनी बाइक पर तिरंगा, माइक व डस्टबिन लेकर कचरा उठा रहे विष्णु भारतेश ने बताया कि वह 5 दिसंबर,2015 से स्वच्छ भारत क्रांति का मिशन लेकर खुद ही गंदगी साफ करने निकल पडा। डग निवासी विष्णु बाइक पर भारत माता का चित्र व तिरंगा लगाये डस्टबिन साथ लेकर चलता है। वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली व गुजरात के कई शहरों में बाइक पर चलते हुये कचरा उठाकर स्वच्छता का संदेश दे चुका है। ऐसा ही प्रयास कोटा में क्यों नहीं -
विष्णु ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन पर करोडों रूपये का बजट खर्च हो रहा है लेकिन जब तक आम जनता में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा नहीं होगा, नगर निगम या अन्य सरकारी विभाग औपचारिकता ही पूरी करते रहेंगे। उसने कहा कि इंदौर स्वच्छता में लगातार नंबर-1 वहां के शहरवासियों के कारण है। ऐसा ही प्रयास कोटा शहर में क्यों नहीं किया जा सकता है। इस शहर में देशभर से बच्चे पढाई के लिये आते हैं, फिर दुकानदार, रेस्टोरेंट, फल वाले, कचौरी वाले, ठेला वाले, गन्ना वाले अपने आसपास गंदगी फैला देते हैं। यह कचरा शहर की स्वच्छ छवि पर दाग है। शहर में डिपर व्यवस्था संचालित होने के बावजूद महिलायें पार्कों में पॉलिथीन व गंदगी फेंक रही हैं, जिससे उनको मौसमी बीमारियां सौगात में मिल रही है।
एक कॉलोनी में सड़क पर कचरा उठाते हुये उसने कहा कि कोटा शहर को सिर्फ चालान बनाकर स्वच्छ नहीं रखा जा सकता है, यहां के नागरिकों को जिम्मेदारी लेनी होगी कि हम आसपास का कचरा स्वयं उठायेंगे और सडकों पर कचरा फेंकने वालों को रोकेंगे। अपनी धरती को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य भी है। ऐसा करके ही हम आने वाले समय में कोटा को स्वच्छता में नंबर-1 बन सकता है।
 
                                                                        
                                                                    