
’’स्वयंसेविकाओं नें बाँधे परिण्डे’’ परोपकार ही सबसे बड़ा धर्म-हितेश शर्मा
टोंक। सैंट सोल्जर महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जल संरक्षण पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई एवं छात्राओं ने बढ़ती गर्मी में पक्षियों के दाने-पानी की व्यवस्था हेतु परिण्डे बांधे। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.प्रिया सक्सेना ने बताया कि महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की एक इकाई संचालित है, जो समय-समय पर विविध गतिविधियों द्वारा राष्ट्रीय सेवा हेतु अपना योगदान देती रही है। मौसम के बदलने के साथ ही तीक्ष्ण गर्मी में पक्षियों के पेयजल व दाने के लिए इन सेविकाओं द्वारा महाविद्यालय परिसर व अपने घर के आस-पास परिण्डे बाँधने का कार्य आज से राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी अवधेष पारीक की अगुवाई में प्रारम्भ किया गया है। प्राचार्या ने बताया कि वर्तमान में बढ़ते जल संकट को देखते हुए छात्राओं के साथ जल संरक्षण पर विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई। इस अवसर पर महाविद्यालय निदेशक बाबूलाल शर्मा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए जल संरक्षण पर अपने विचार रखे और पानी एक-एक बूँद को संरक्षित करने हेतु छात्राओं को शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक हितेष शर्मा ने कहा कि तीक्ष्ण गर्मी में पक्षियों को हमारे आस-पास के क्षेत्र में दाने और पानी के लिए संकट ना खड़ा हो इस हेतु राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेविकाओं द्वारा परिण्डे बाँधने का कार्य निश्चित ही सराहनीय है। उन्होने कहा कि स्वयंसेविकाओं को जीवन में परोपकार को अपनाना चाहिए क्योंकि परोपकार से बड़ा कोई धर्म नही है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेविकाओं के साथ महाविद्यालय के व्याख्यातागण राघवेंद्र सिंह नामा, अमित रणवाल, हरिशंकर शर्मा, राजेश कुमार पटवा, आकांक्षा शर्मा, शिप्रा सक्सेना, हरिओम शर्मा, नितिश शर्मा, जेबा अब्बासी, आऐशा सिद्दिका, निकिता तिवारी, नाजिया खान, मोहम्मद जुबेर, अरूण गर्ग, शादमा परवीन, जावेद खान, अजरा परवीन एवं जीना सबिहा आदि मौजूद थे।