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वेलडन हनुमानगढ़! जंडवाला सिखान और बेहरवाला कलां टीबी से मुक्त गांव घोषित

वेलडन हनुमानगढ़! जंडवाला सिखान और बेहरवाला कलां टीबी से मुक्त गांव घोषित

हनुमानगढ़। जिला हनुमानगढ़ के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि ग्राम पंचायत जंडवाला सिखान और ग्राम पंचायत बेहरवाला कलां को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया है। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत की संकल्पना को साकार करने की ओर यह कदम जिला हनुमानगढ़ द्वारा उठाया गया है। चिकित्सा विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत राज्य सहित हनुमानगढ़ जिले में 15 अगस्त 2022 से 24 अप्रेल 2023 तक टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 'म्हारे गांव टीबी न पसारे पांवÓ थीम पर शुरु किए गए इस अभियान में जिले की समस्त ग्राम पंचायतों को चिन्हित कर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया था। इसी कार्यक्रम के तहत जिले की जंडवाला सिखान ग्राम पंचायत और बेहरवाला कलां ग्राम पंचायत को टीबी से मुक्त गांव घोषित किए गए हैं। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र सोनी ने हनुमानगढ़ जिला कलक्टर श्रीमती रूकमणी रियार सिहाग को पत्र लिखकर टीबी से मुक्त गांव की उपलब्धि के लिए बधाई दी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी चाहर ने बताया कि जिला कलक्टर श्रीमती रूकमणी रियार सिहाग के निर्देशन में चिकित्सा विभाग की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। इसी के अंतर्गत एनटीईपी के तहत जिले की ग्राम पंचायत जंडवाला सिखान व ग्राम पंचायत बेहरवाला कलां को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे राजस्थान में चले इस सर्वे के अंतर्गत अंतिम रूप से 7 जिलों की 29 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, जिसमें से हनुमानगढ़ की 2 ग्राम पंचायतें है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रविशंकर शर्मा एवं चिकित्सा विभाग के समस्त अधिकारियों-कार्मिकों को को दिया है।

जिला क्षय रोग अधिकारी एवं डिप्टी सीएमएचओ डॉ. रविशंकर शर्मा ने बताया कि वर्ष 2025 तक भारत व राज्य को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के तहत गत 15 अगस्त 2022 से 24 अप्रेल 2023 तक टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अभियान के दौरान समस्त ग्राम पंचायतों में बैठकों का आयोजन कर टीबी चैम्पियन, जनप्रतिनिधियों, चिकित्साकर्मी व आमजन की सहभागिता से विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई थी। इस अभियान में पूरे राजस्थान की ग्राम पंचायतों में टीबी की जांच, प्रेजम्टिव व टीबी के मरीजों के बारे में एम्स की टीम व राजस्थान सरकार द्वारा सर्वे किया गया। इनमें हनुमानगढ़ की दो ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के अंतर्गत राज्य स्तर द्वारा चिन्हित की गई थी, परंतु अंतिम सर्वे रिपोर्ट आने के बाद इन दोनों ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक ब्लॉक पर पांच ग्राम पंचायत व वार्ड चिन्हित किए गए एवं स्थानीय स्तर पर 10 से 12 सदस्यों की टीम का गठन किया गया। संबंधित सरपंच की अध्यक्षता में गठित इस टीम में उप सरपंच, पंचायत सचिव, चिकित्सा अधिकारी, सीएचओ, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक आदि शामिल थे, जिन्होंने जन-जागरुकता व प्रचार व प्रसार के साथ ही ग्राम पंचायत में ऐक्टिव केस फाइन्डिंग, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन व जागरुकता हेतु सामुदायिक बैठकों का भी आयोजन किया गया। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए आयोजित बैठक में कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मुकेश शेखावत, पीपीएम कोऑर्डिनेटर बलविन्द्र सिंह, पीएमडीटी कोऑर्डिनेटर अलकेश कुमार और समस्त एसटीएसए एसटीएलएस व एनटीईपी का सुपरवाईजरी स्टाफ शामिल रहा। 

 

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